दुनिया के लिए मिसाल बने ये 18 देश, कोरोना को रोकने में हुए कामयाब

कुल मिलाकर धरती पर ऐसे करीब डेढ़ दर्जन द्वीप और देश हैं. जो कोरोना वायरस की इस महामारी में घरों में कैद होने के बजाए बीच पर पार्टियां कर रहे हैं. जब लगभग पूरी दुनिया इस वायरस की चपेट में है. तब इन जगहों तक वायरस का ना पहुंचना हैरान करता है.

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कोरोना का कहर पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है कोरोना का कहर पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है

शम्स ताहिर खान / परवेज़ सागर

  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2020,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

  • पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है कोरोना वायरस
  • कई देशों में नहीं पहुंच पाया जानलेवा वायरस

इस साल की शुरुआत से अब तक पूरी दुनिया में करीब 42 लाख लोगों को कोरोना बीमार कर चुका है. लगभग 3 लाख लोगों की जान ले चुका है. 190 से ज़्यादा देश इस वायरस से जूझ रहे हैं. दुनिया की एक तिहाई आबादी घरों में कैद है. सब कुछ मानो ठहर सा गया है. मगर इसके बावजूद इसी दुनिया के कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां कोरोना पहुंचा ही नहीं. ये वो देश हैं जिन्होंने अपने-अपने देशों की सरहद को वक्त रहते सील कर दिया था.

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कोरोना से बचे हैं ये देश और द्वीप

किरिबाटी, अमेरिकन समोआ, लेसोथो, मार्शल आईलैंड, मिक्रोनीशिया, नाउरू, पलऊ, समोआ, सोलोमन आईलैंड, टोंगा, टुवालू, वानुआतू, टोकेलाउ, निउ, द कुक आइलैंड, सालमन, तुर्केमेनिस्तान और नॉर्थ कोरिया. कुल मिलाकर धरती पर ऐसे करीब डेढ दर्जन द्वीप और देश हैं. जो कोरोना वायरस की इस महामारी में घरों में कैद होने के बजाए बीच पर पार्टियां कर रहे हैं. जब तमाम दुनिया इस वायरस की चपेट में है. तब इन जगहों तक वायरस का ना पहुंचना हैरान करता है. मगर कायदे से देखें तो दुनिया के नक्शे में तुर्कमेनिस्तान को छोड़कर ये वो द्वीप और देश हैं. जहां सैलानियों का पहुंचना या तो आसान नहीं है. या फिर उन्हें वहां जाने की इजाज़त नहीं है.

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इन जगहों तक क्यों नहीं पहुंचा जानलेवा वायरस

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सवाल ये है कि आखिर इन जगहों तक कोरोना क्यों नहीं पहुंचा? और कैसे यहां अबतक कोविड-19 का कोई केस तक रिपोर्ट नहीं है? ये वाकई जायज़ सवाल है. इनमें पहले वो द्वीप और देश हैं जो ज़्यादा तर अफ्रीकी महाद्वीप का हिस्सा हैं. जहां पहुंचना या तो मुश्किल है या यहां पर्यटन और विदेशियों का आना-जाना कम होता है. दूसरे वो देश हैं जो सच्चाई छुपाने को लेकर शक के दायरे में हैं. मसलन चीन, रूस, दक्षिण कोरिया से लगे होने के बाद भी नॉर्थ कोरिया में कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है. जबकि उसके पड़ोसी मुल्कों में करोना वायरस कहर ढहा चुका है. ऐसे ही कुछ आरोप तुर्कमेनिस्तान पर भी हैं.

कोरोना से ऐसे बचे अफ्रीकी महाद्वीप के देश

अब समझते हैं कि आखिर यहां तक कोरोना पहुंचा कैसे नहीं. आखिर इन देशों या आइलैंड ने ऐसा क्या कर दिया. जो बाकी दुनिया नहीं कर पाई. तो हुआ ये कि कोरोना वायरस की खबर लगते ही अफ्रीकी महाद्वीप के इन देशों ने इस महामारी के खतरे को पहचान लिया था. और इन छोटे द्वीप की सरकारों ने विदेश से आने आने वाले मुसाफिरों को रोकने के लिए फौरन यात्रा पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया. कुछ मामलों में यहां तक कि क्रूज जहाजों और कार्गो जहाजों को भी अनुमति देने से इनकार कर दिया गया. हालांकि ऐसे कदम बाकी अफ्रीकी देशों ने भी उठाए. मगर वहां इक्का-दुक्का ही सही, मगर कोरोना के मामले हैं. लेकिन इन देशों में तो कोरोना की एंट्री ही नहीं हुई. इन्हें पता ही नहीं कि घरों में कैद होना क्या होता है.

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बॉर्डर सील करने का फायदा

हालांकि दुनिया के नक्शे में इन द्वीप और देशों का हिस्सा है तो बहुत ही छोटा सा और आबादी भी इनकी काफी कम है. लेकिन इन्हें कोरोना का कोई खौफ नहीं. ये पहले जैसे जी रहे थे. वैसे ही आज भी जी रहे हैं. इनकी ज़िंदगी में कोई बदलाव नहीं आया है और ये सब बॉर्डर सील करने की वजह से ही हुआ. क्योंकि कोरोना वायरस का संक्रमण तब तक नहीं फैल सकता. जब तक की लोग कोरोना संक्रमित के संपर्क में ना आए. लेकिन अगर एक भी कोरोना संक्रमित आ गया होता तो यकीन मानिए. ये द्वीप के द्वीप और देश के देश उसके प्रकोप में आ जाते. क्योंकि इन देशों में मेडिकल सुविधाओं के नाम पर ज़्यादा कुछ नहीं है.. मगर अच्छी बात ये है कि कम से कम कोई तो इस धरती पर है जो कोरोना से सुरक्षित हैं.

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तुर्कमेनिस्तान और उत्तर कोरिया पर शक

अब आते हैं तुर्कमेनिस्तान और उत्तर कोरिया पर. यूं तो आधिकारिक तौर इन देशों में कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है. जो इसलिए शक़ पैदा करता है कि इन दोनों देशों की सीमाएं कोरोना वायरस से जूझ रहे देशों से लगती हैं. इल्ज़ाम है कि इन देशों की सरकारें सच्चाई छिपा रही है. ज़ाहिर है इससे उन कोशिशों को धक्का लगता है जो महामारी से निपटने के लिए किए जा रहे हैं. क्योंकि दुनिया से उलट ये अपने अलग रास्ते पर चल रहे है.

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तुर्कमेनिस्तान में साइकिल रैली निकाली गई तो वहीं उत्तर कोरिया ने अपने पहले सुप्रीम लीडर की जयंती में बड़ा प्रोग्राम किया. इससे अंदाज़ा लगता है कि ये दोनों देश कोरोना को लेकर कितने बेपरवाह है. या फिर ये दोनों देश खुद को अलग अंदाज में पेश करना चाहते हैं. जानकारों का मानना है कि उत्तर कोरिया की तरह तुर्कमेनिस्तान में भी सरकार को कटघरे में खड़े करने वाले मामलों को दबा दिया जाता है और यहां सही आंकड़ों का बाहर आना काफी मुश्किल है.

भारत में कोरोना से बचे हैं ये राज्य

दुनिया के उन तमाम देशों की तरह भारत में भी कुछ सूबे ऐसे हैं, जो कोरोना वायरस से अछूते हैं. इनमें सबसे पहला नाम आता है सिक्किम और नगालैंड का. जिनके अगल बगल के राज्य मसलन असम, त्रिपुरा और मेघालय में कोरोनो वायरस के मामले हैं.. मगर सिक्कम और नगालैंड इससे अछूता है. इसी तरह केंद्र शासित प्रदेश प्रदेश लक्ष्यद्वीप भी कोविड-19 वायरस से अब तक अछूता है. जबकि दूसरी तरफ अंडमान और निकोबार द्वीप में कोरोना के अब तक 33 मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि यहां सभी मरीज ठीक भी हो गए हैं. वहीं दादर नगर हवेली. अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम में अबतक सिर्फ एक एक मामले आए थे. वहीं मणिपुर में 2 और गोवा में कोरोना के 7 मामले सामने आए मगर इन सब को ठीक कर लिया गया और अब फिलहाल इन प्रदेशों में कोरोना का कोई भी सक्रिय मामला नहीं है..

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