उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में मजदूरी कर रही बच्चियों के साथ यौन शोषण किया जा रहा है. आजतक के ‘ऑपरेशन नरकलोक’ में मजदूरी कर रही बच्चियों ने इस सच को दुनिया के सामने रखा. लेकिन अब चित्रकूट का प्रशासन इस मामले को दबाता हुआ दिख रहा है और जांच पर लीपापोती कर रही है. खुलासे के एक दिन बाद चित्रकूट के डीएम का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि बच्चियों ने यौन शोषण की शिकायत नहीं की है.
ऐसे में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि बच्चियों ने कैमरे पर अपने दर्द को बयां किया था. लेकिन पुलिस और प्रशासन के सामने सच बताने से घबरा रही हैं. सवाल हैं कि क्या प्रशासन की ओर से इन मजदूरों पर दबाव बनाया जा रहा है?
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दरअसल, आजतक ने खुलासा किया था कि कैसे बुंदेलखंड के चित्रकूट में चंद रुपयों के लिए खनन के धंधे में लगे कुछ सफेदपोश मासूम बच्चियों का शोषण कर रहे थे. गरीबी के मारे इन अभागे लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर मजदूरी देने के बदले कुछ दरिंदे चित्रकूट की इन मासूम बच्चियों का शोषण कर रहे थे.
आजतक ने खबर दिखाई और यूपी में हड़कंप मच गया. खबर दिखाए जाने के तुरंत बाद मजिस्ट्रेट से मामले की जांच के आदेश दिए गए. आनन-फानन में चित्रकूट पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी आधी रात को गांव पहुंच गए.
उम्मीद बंधी थी कि आजतक के खुलासे के बाद चित्रकूट की मासूम बेटियों को नरकलोक से मुक्ति मिलेगी. लेकिन जिस तरह से आधी रात को पुलिस ने जांच की उससे शक पैदा हो रहा है कि कहीं जांच की जगह लीपापोती तो नहीं हुई. पुलिस के बयान से भी यही लग रहा.
ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि पुलिस जांच करने गई थी या मामला दबाने गई थी. बताया जाता है कि लखनऊ से चित्रकूट पुलिस पर भारी दबाव है, इसलिए इस पर लीपातोपी संभव है.
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प्रशासन ने क्या दिया बयान?
चित्रकूट के डीएम शेषमणि पांडेय ने इस मामले में बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि कल शाम को आजतक ने अपनी एक रिपोर्ट में लड़कियों के यौन शोषण की खबर दिखाई थी, जिसको हमने गंभीरता से लिया है. प्रशासन की ओर से मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा इस बारे में आजतक के संवाददाताओं से जानकारी ली गई है.
DM ने कहा कि वीडियो सामने आने के बाद हमने बच्चियों से संपर्क किया है, बच्चियों ने अब यौन उत्पीड़न की घटना से इनकार किया है. लेकिन जब आजतक ने इस मसले पर सवाल पूछे तो डीएम आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस को खत्म करके चले गए.
दूसरी ओर चित्रकूट के सीओ रजनीश कुमार यादव ने अपने बयान में कहा कि किसी बच्ची ने इस तरह की शिकायत नहीं की है, ना ही किसी और ने बयान दिया है. जब उनसे लीपापोती पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पुलिस जांच कर रही है, कोई लीपापोती नहीं की जा रही है.
चित्रकूट की घटना किसी कलंक से कम नहीं है. जरूरी है कि दोषियों को सजाकर इस कलंक को मिटाया जाए लेकिन जो कुछ अब तक सामने आया है उससे ये दाग धुलता नहीं दिख रहा.
नीलांशु शुक्ला / मौसमी सिंह