3 साल के इस मासूम को जानलेवा बीमारी, मां-बाप की अपील- इलाज के लिए कोई मदद करो

पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले में एक बच्चा अजीबोगरीब बीमारी से जूझ रहा है. इस बच्चे का सिर इसकी उम्र और शरीर के हिसाब से काफी बड़ा है.

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परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय

मनोज्ञा लोइवाल

  • बर्दवान,
  • 01 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:13 PM IST

पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले में एक बच्चा अजीबोगरीब बीमारी से जूझ रहा है. इस बच्चे का सिर इसकी उम्र और शरीर के हिसाब से काफी बड़ा है. मेडिकल साइंस के मुताबिक तो यह एक बीमारी है. लेकिन कुछ लोग इसे दैवीय चमत्कार भी मान रहे हैं. बहरहाल, बच्चे के शरीर की यह गड़बड़ी इलाके में कौतूहल का विषय बनी हुई है.

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अस्पताल पर लापरवाही का आरोप
बताया जा रहा है कि शि‍वम नाम का यह बच्चा Hydrocephalus नाम की बीमारी से पीड़ि‍त है. इस बीमारी के तहत पीड़ि‍त के दिमाग में तरल चीज जमा होती जाती है जिससे इसका आकार बहुत बड़ा हो जाता है. शि‍वम जब पैदा हुआ था तो बिल्कुल स्वस्थ था लेकिन जन्म के एक महीने बाद ही इसका सिर बड़ा होने लगा. परिजनों ने तो इसके लिए अस्पताल पर दोष मढ़ दिया.

परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय
शिवम के पिता राजेश दास सड़क किनारे चप्पल के फीते बेचने का काम करते हैं. जिससे किसी तरह परिवार की रोजी रोटी चल रही है. 3 साल पहले राजेश दास की पत्नी ने शिवम को बर्दवान जिला अस्पताल में जन्म दिया था. परिवार में सभी लोग बेहद खुश थे लेकिन जब से इस बीमारी के बारे में घरवालों को पता चला है कि उनके चेहरे पर मायूसी छा गई है.

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डॉक्टरों ने दी थी बच्चे को मार देने की सलाह
परिवार का दावा है कि जन्म के समय शिवम बिल्कुल स्वस्थ था. परिवार की मानें तो कुछ दिनों बाद डॉक्टरों ने बच्चे को इस रहस्यमय बीमारी से ग्रसित बताते हुए उसे मारने की इजाजत मांगी. डॉक्टरों की ये अजीब तर्क सुनकर परिवार वालों के होश उड़ गए. आखिर कोई इस तरह का सवाल कैसे कर सकता है. डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे के सिर में पानी भर गया है और लगातार उसका सिर का आकार बढ़ते गया.

परिवार को मदद की आस
डॉक्टरों के मुताबिक सिर का ऑपरेशन के जरिए भरा हुआ पानी निकाले जाने के बाद बच्चा फिर से नॉर्मल हो जाएगा. लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से वो इस ऑपरेशन का खर्चा उठाने में सक्षम नहीं है. परिवार को इस वक्त मदद की जरूरत है. लेकिन सामने कोई रास्ता नहीं दिख रहा है.

नेताओं से भी मदद की गुहार
150 से 200 रुपये रोजाना कमाने वाले राजेश अपने बेटे के सेहत को लेकर बेहद चिंतित है. परिवार की मानें शिवम का इलाज वेल्लोर में सही से हो जाएगा. लेकिन परिवार के पास पैसे नहीं होने की वजह से वो बेसहारा महसूस कर रहे हैं. शिवम के माता-पिता की मानें तो अपने बच्चे को बचाने के लिए वो दर-दर भटक रहे हैं. उन्होंने स्थानीय नेताओं से भी मदद की अपील की, लेकिन अभी तक कोई मददगार सामने नहीं आया है, परिवार किसी तरह अपने बच्चे की जिंदगी की सलामती चाहता है.

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