छत्तीसगढ़: CRPF के राशन को नक्सलियों ने घात लगाकर लूटा

धुर नक्सल प्रभावित इलाके बुरकापाल और चिंतागुफा क्षेत्र में शाम CRPF के अफसरों ने भारी मात्रा में राशन रवाना किया था. वो इस बात से बेखबर थे कि रास्ते में कोई अनहोनी हो सकती है.

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नक्सलियों ने उड़ाया सीआरपीएफ का राशन नक्सलियों ने उड़ाया सीआरपीएफ का राशन

सुनील नामदेव / मोहित ग्रोवर

  • रायपुर,
  • 26 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 2:45 AM IST

छत्तीसगढ़ के सुकमा से सटे बुरकापाल और चिंतागुफा मार्ग पर नक्सलियों ने CRPF के राशन को लूट लिया. नक्सलियों को टैक्सियों और दूसरे वाहनों में लदे खाने पीने की सामाग्री की जानकारी लग चुकी थी. CRPF की 150वीं और 206 कोबरा बटालियन के लिए ले जाए जा रहे राशन पर लगभग आधा सैकड़ा बुधवार को नक्सलियों ने अपना कब्जा कर लिया.

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उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से पूरा माल ठिकाने लगा दिया. खबर मिलते ही फ़िलहाल मौके पर फ़ोर्स रवाना की गई. CRPF ने अभी इस बात की जानकारी नहीं दी है कि आखिर कितनी मात्रा में और कितनी रकम का माल नक्सली ले उड़े.

धुर नक्सल प्रभावित इलाके बुरकापाल और चिंतागुफा क्षेत्र में शाम CRPF के अफसरों ने भारी मात्रा में राशन रवाना किया था. वो इस बात से बेखबर थे कि रास्ते में कोई अनहोनी हो सकती है. स्थानीय बाजार से खरीदे गए अनाज और दैनिक उपयोग की सामग्री को वाहनों में लाद दिया गया. अफसरों ने वाहनों में सवार ड्राइवरों और दूसरे कर्मियों को नियत स्थान में माल पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंप दी.

माल रवाना हो जाने के बाद अफसर भी निश्चिंत हो गए. दूसरे दिन भी माल जब बैरकों में नहीं पंहुचा, तो वाहनों की पड़ताल शुरू हुई. जंगल के भीतर वाहन भी मिल गए और वाहन चालक भी लेकिन वाहनों से माल नदारद मिला. पूछताछ में पता चला कि बंदूक की नोक पर नक्सलियों ने वाहनों को अपने कब्जे में ले लिया था.

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आमतौर पर बारिश के मौसम में सिर्फ नक्सलियों को ही नहीं, बल्कि पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के लिए खाने पीने की वस्तुओं का इंतजाम बड़ी चुनौती होती है. सुरक्षा बलों के कैंप और बैरक बीहड़ जंगलों में हैं. यहां बारिश के मौसम में आवाजाही ठप रहती है. जंगली नदी नाले अक्सर उफान पर होते हैं.

लिहाजा मौसम खुलते ही सुरक्षा बलों के जवान अपने लिए खाने पीने की सामग्री और दैनिक उपयोग की सामग्री सुरक्षित करने में जुट जाते हैं. कुछ इसी तरह की परिस्थितियां नक्सलियों के सामने भी होती हैं. हालांकि वो इसके लिए स्थानीय ग्रामीणों पर निर्भर होते हैं, लेकिन कई बार उन्हें भी खाने पीने की वस्तुओं के लिए पापड़ बेलने होते है.

सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, भोपालपट्नम समेत कई इलाकों में जवानों का राशन लूटने की घटनाएं पहले भी होती रही हैं. नक्सलियों के राशन की लूट की घटना से साफ हो रहा है कि इस बारे में संभवतः उन्हें पहले से ही खबर लग चुकी थी. बताया जा रहा है कि मौके पर आधा सैकड़ा के लगभग नक्सली और स्थानीय ग्रामीणों ने वाहनों को रोका था.

हाल ही में नक्सली लीडर सीतू ने मिलिट्री बटालियन के अपने एक कमांडर को जानकारी देते हुए एक पत्र जारी किया था कि नक्सलियों के पास राशन खत्म हो गया है. इस पत्र में राशन भिजवाने की व्यवस्था करने की बात कही गई थी. यह पत्र एक एनकाउंटर के दौरान पुलिस के हाथों में लगा था. फ़िलहाल CRPF के आधा दर्जन दस्तों ने अपने माल की बरामदगी के लिए खोजबीन शुरू कर दी है.

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