जातिगत जनगणना को लेकर UP विधानसभा में हंगामा, सपा-कांग्रेस ने उठाई मांग

उत्तर प्रदेश में जातिगत जनगणना को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. विधानसभा में सपा विधायकों ने जातिगत जनगणना की मांग को लेकर हंगामा किया तो कांग्रेस ने जनगणना में ओबीसी कॉलम रखे जाने के लिए प्रस्ताव पास करने की मांग उठाई.

Advertisement
विधानसभा में प्रदर्शन विधानसभा में प्रदर्शन

कुमार अभिषेक

  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 1:29 PM IST

  • उत्तर प्रदेश की विधानसभा में हंगामा
  • सपा ने की जातिगत जनगणना की मांग
  • सेंसस में कांग्रेस ने की OBC कॉलम की मांग

समाजवादी पार्टी ने जातिगत जनगणना की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश में मोर्चा खोल दिया है. सपा विधायकों और एमएलसी ने जातिगत जनगणना की मांग को लेकर विधानसभा में जोरदार हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. सपा के साथ-साथ कांग्रेस ने भी जनगणना में ओबीसी कॉलम रखे जाने के लिए प्रस्ताव पास करने की मांग उठाई है.

Advertisement

सपा नेताओं ने जनगणना के दस्तावेज में ओबीसी का कॉलम न होने पर आपत्ति जताई. इसे लेकर विधानसभा की कार्यवाही के शुरू होते ही सपा विधायकों और विधान परिषद सदस्यों ने जातिगत जनगणना की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया. वहीं, कांग्रेस ने कहा कि जनगणना में ओबीसी का कॉलम रखा जाए और साथ ही विधानसभा से प्रस्ताव भेजा जाए. कांग्रेस ने मांग की है कि इस बार हो रही जनगणना में ओबीसी का कॉलम जरूर रखा जाए.

ये भी पढ़ें: BJP सरकार पर बरसे अखिलेश यादव, कहा- समाज में घुलता जा रहा नफरत का जहर

दरअसल सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को बीजेपी पर जातिवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि अब शिक्षा और स्वास्थ्य में भी जातिवादी व्यवस्था हावी हो गई है. अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणना की मांग उठाते हुए कहा कि समाज में हर तबके को उसकी संख्या के मुताबिक हक और सम्मान मिले. इसके लिए हमारी पार्टी काफी समय से जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग करती रही है.

Advertisement

अखिलेश ने की जातिगत जनगणना की मांग

सपा प्रमुख ने बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि बीजेपी और कांग्रेस जैसे दल जातिगत जनगणना के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं, क्योंकि ऐसा हुआ तो इनका जातिगत आधार पर बांटने का खेल खत्म हो जाएगा. एक बार जातीय जनगणना हो जाने पर उस अनुपात में सबकी हिस्सेदारी तय हो जाएगी. विकास और सामाजिक न्याय के लिए यह बेहद आवश्यक है.

अखिलेश यादव ने राज्य की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अपराध नियंत्रण में भी जातिवाद से प्रेरित होकर कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन सबके चलते समाज में नफरत का जहर घुलता जा रहा है. आपसी सद्भाव और सौहार्द को क्षति पहुंच रही है. बीजेपी एक जातिवादी पार्टी है. बीजेपी का इरादा समाज में अव्यवस्था पैदा कर कॉरपोरेट समाज का वर्चस्व स्थापित करना है. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी सरकार की नीतियां गरीब, किसान और नौजवान के खिलाफ हैं.

उन्होंने बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रामक प्रचार इनका पुराना एजेंडा है. इससे देश का बना-बनाया ताना-बाना टूटेगा और समाज में विघटन की स्थिति पैदा होगी.

पूर्व मुख्यमंत्री ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरे का संकेत बताया और कहा कि सपा, शुरू से ही समाजवाद के लिए प्रतिबद्ध रही है. हम समाज को जोड़ने और परस्पर प्रेम, विश्वास की स्थापना के लिए कार्य करते रहे हैं. अखिलेश यादव ने बीजेपी पर जाति की आड़ में अराजकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि समाज में हिंसा बढ़ी है. जनता साल 2022 में इन सबका जवाब देगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement