शिवसेना ने एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला है. इस बार मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान पर निशाना साधा है. शिवसेना ने स्वच्छता अभियान की खिंचाई करते हुए कहा कि राष्ट्रीय महामार्ग पर यदि शौचालय होता तो मंत्रीजी को खुलेआम लघुशंका नहीं करनी पड़ती.
पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है कि स्वच्छ भारत अभियान पर सैकड़ों करोड़ रुपये सरकारी तिजोरी से खर्च हुए, वो सब व्यर्थ चले गए. उस पैसे से महाराष्ट्र में कम से कम दो हजार शौचालय राष्ट्रीय महामार्ग और अन्य स्थानों पर बनाए गए होते तो राम शिंदे जैसे राज्य के नेता को लघुशंका को लेकर परेशानी ना होती.
स्वच्छता अभियान की हो रही ऐसी की तैसी
उन्होंने कहा कि इसमें राम शिंदे को दोष क्या दें. यह तो किसी के भी साथ हो सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि मुंबई के शौच मुक्त होने की विज्ञापनबाजी की गई, लेकिन आज भी मुंबई की कई सड़कों, रेल की पटरियों के किनारे खुले में स्वच्छता अभियान की ऐसी की तैसी हो रही है.
शिवसेना ने कहा कि इसके लिए लोगों को एक साथ दोष नहीं दिया जा सकता, क्योंकि शहरों की जनसंख्या नगर रचना और जरूरत की बात है. सच तो यह है कि लघुशंका घोटाले के लिए राम शिंदे या मुलायम सिंह यादव या राधामोहन सिंह जिम्मेदार नहीं हैं. बल्कि पिछले कई वर्षों से स्वच्छता के नाम पर जो घोटाले हुए, लुटमारी हुई वो सब लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं.
बता दें कि हाल ही में शिवसेना ने मोदी सरकार द्वारा की गई नोटबंदी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था 8 नवबंर को नोटबंदी के एक साल पूरे हुए हैं. लेख में कहा गया है कि जनता ईश्वर है, लेकिन नोटबंदी के चलते ईश्वर को भी भिखारी बनकर रहना पड़ रहा है. नोटबंदी से देश की हालत चिंताजनक है. व्यापारियों के पास कैश नहीं है, उन्हें चिल्लर से काम चलाना पड़ रहा है.
केशवानंद धर दुबे