भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने पर पहली बार बयान दिया है. उन्होंने बुधवार को न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हमने आम सभा में कई बार कहा था कि अगर हमारा गठबंधन जीत हासिल करता है तो देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे. अब वे नई मांग के साथ सामने आए हैं जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते.
अमित शाह ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का भी बचाव किया. उन्होंने कहा कि इससे पहले किसी भी राज्य में इतना समय नहीं दिया गया. राज्यपाल ने 18 दिन दिए. राज्यपाल ने विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही पार्टियों को आमंत्रित किया. शिवसेना, कांग्रेस-एनसीपी और न ही हमने दावा किया. अमित शाह ने कहा, आज भी किसी पार्टी के पास आंकड़े हैं तो वो राज्यपाल के पास जा सकता है.
अमित शाह ने कहा, आज भी अगर किसी के पास संख्या है तो वो राज्यपाल से संपर्क कर सकता है. राज्यपाल ने किसी को भी मौका देने से इनकार नहीं किया है. उन्होंने कहा, कपिल सिब्बल जैसे विद्वान वकील बचकानी दलीलें दे रहे हैं और कह रहे हैं कि हमें सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया.
राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बाद विपक्ष के विरोध पर अमित शाह ने कहा, इस मुद्दे पर विपक्ष राजनीति कर रहा है और एक सांविधानिक पद को इस तरह से राजनीति में घसीटना मैं नहीं मानता लोकतंत्र के लिए स्वस्थ परंपरा है.
बता दें, महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर रस्साकशी जारी है और अभी तक किसी दल ने बहुमत का आंकड़ा जुटाने का दावा पेश नहीं किया है. राज्यपाल ने पहले बीजेपी को फिर शिवसेना और एनसीपी को दावा पेश करने के लिए बुलाया था लेकिन सरकार बनाने का दावा कोई पार्टी पेश नहीं कर सकी. बीजेपी ने सरकार बनाने से पहले ही इनकार कर दिया है.
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