इस साल के आखिर में होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव एक अलग इतिहास लिख सकता है. अगर सरकार और पोल पैनल में सामंजस्य बना रहा, तो बिहार विदेशों में रहने वाले अप्रवासी भारतीयों को वोटिंग का अधिकार देने वाला पहला राज्य बन जाएगा.
चुनाव आयोग इस प्रोजेक्ट पर कानून मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है. ताकि अप्रवासी भारतीय विधानसभा चुनाव में ई-पोस्टल बैलट या प्रॉक्सी के जरिए वोट डाल सके. इस आशय की खबर अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स ने प्रकाशित की है.
सूत्रों के मुताबिक पोल पैनल संसद के मानसून सेशन तक जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन के लिए सरकार से कह रहा है. ताकि बिहार चुनाव में इसका टेस्ट किया जा सके. चुनाव आयोग को 29 नवंबर से पहले बिहार में नई विधानसभाओं का गठन करना है.
गौरतलब है कि बिहार में लगभग 1000 एनआरआई रजिस्टर्ड है. हालांकि चुनाव आयोग को अभी इस बात पर निर्णय लेना है कि यह पायलट प्रोजेक्ट क्या पूरे बिहार को कवर करेगा या सिर्फ कुछ विधानसभाओं तक सीमित रहेगा. एक अधिकारी ने कहा, 'एक बार एक्ट में संशोधन हो जाए फिर इस पर निर्णय लिया जाएगा.'
उन्होंने कहा, 'एक बार इसके सफल हो जाने पर चुनाव आयोग दूसरे राज्यों में भी इसे लागू करेगा और उसके बाद अंतिम रूप से 2019 के लोकसभा चुनावों में लागू किया जाएगा.'
मौजूदा परिस्थितियों में अप्रवासी भारतीय केवल अपनी विधानसभाओं में वोट कर सकते हैं. इस नियामक के रास्ते में जो बाधा है वह है अप्रवासी भारतीयों की संख्या, क्योंकि कुछ हजार ही वोटर के रूप में रजिस्टर्ड हैं और विदेशों में रहते हैं. इनमें से सबसे ज्यादा केरल से हैं.
इस तस्वीर का दूसरा पहलू ये है कि अप्रवासी भारतीयों में से शायद ही कोई चुनावों के दौरान वोट डालने भारत आता है.
aajtak.in