बिहार सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य के कृषि वानिकी से जुड़े सूबे के किसानों को सरकारी खर्च पर झांसी, हल्द्वानी और पंतनगर में ट्रेनिंग दिलाई जाएगी. इसके लिए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने साल भर का कैलेंडर तैयार करने का निर्देश विभाग को दे दिया है. मोदी ने इस बात की जानकारी देते हुए गुरुवार को कहा कि 3 फरवरी को पटना में कृषि वानिकी से जुड़े विशेषज्ञों किसानों का एक दिवसीय सम्मेलन होगा जिसने कृषि वानिकी के जरिए किसानों की आय बढ़ाने पर विमर्श किया जाएगा.
बिहार के लिए कृषि वानिकी नीति तैयार करने के लिए सुशील मोदी ने समिति के गठन करने का निर्देश दिया है. जानकारी के मुताबिक इस समिति में कृषि विशेषज्ञ, राष्ट्रीय वन अनुसंधान संस्थान के सदस्य और क्रिश्चियन किसान प्रतिनिधि होंगे. कृषि वानिकी में अग्रणी राज्य पंजाब और हरियाणा के अध्ययन और समिति के विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर कृषि वानिकी नीति तैयार की जाएगी.
कृषि वानिकी के अंतर्गत बांस को प्राथमिकता देने का निर्देश देते हुए मोदी ने कहा कि विभाग की ओर से तटबंधों के किनारे बांस लगाए जाएंगे. इसके लिए भागलपुर स्थित बांस टिश्यू कल्चर लैब में 1 साल के दौरान एक लाख कोंपल तैयार किए जा रहे हैं. मोदी ने जानकारी दी कि आने वाले दिनों में इनकी संख्या बढ़ने पर बांस कोंपल किसानों को भी वितरित किए जाएंगे.
कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग से समन्वय बनाकर पंचायत स्तर पर नियुक्त कृषि सलाहकारों का सहयोग लेने का निर्देश भी सुशील मोदी ने दिया. 2017-22 के दौरान मुख्यमंत्री निजी पॉपुलर पौधशाला के अंतर्गत 2 करोड़ 15 लाख और मुख्यमंत्री निजी पौधशाला प्रजाति के तहत 3 करोड़ 30 लाख पौधे किसानों द्वारा उगाने का लक्ष्य है.
मोदी ने कहा कि किसानों की भूमि पर 2017 -22 के दौरान पॉपुलर तथा अन्य प्रजाति के कुल 5 करोड़ और 30 लाख पौधारोपण करने का लक्ष्य है.
रोहित कुमार सिंह / रोहित