दिल्ली-नोएडा में वायु प्रदूषण का स्तर दीपावली के दिन से ही बहुत खराब होने के बाद अब गंभीर स्तर पर बना हुआ है. मौसम विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले एक हफ्ते तक राहत के आसार नहीं है. दीपावली के दूसरे दिन वायु में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम.25) की मौजूदगी का स्तर घटने के बाद तीसरे दिन अचानक बढ़ जाने से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से मुश्किलें बढ़ गई हैं.
हवा में पीएम-2.5 की मौजूदगी का स्तर बढ़ा
27 अक्तूबर यानी दीपावाली के दिन पीएम-2.5 का स्तर 19 था वहीं 28 अक्तूबर को यह स्तर घटकर 15 रह गया. लेकिन 29 अक्तूबर को 25 और फिर 30 अक्तूबर को यह 35 हो गया. हालांकि केंद्रीय भू-विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग सिस्टम (सफर) के मुताबिक 31 अक्तूबर पीएम-2.5 के स्तर में घटने के आसार जताए गए हैं. लेकिन वायु की गुणवत्ता में इससे खास फर्क नहीं पढ़ने की उम्मीद भी जताई गई है.
पराली जलाने के मामलों में कमी से भी नहीं सुधरी हवा
सफर के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में पराली जलने की घटनाओं में पिछले 24 घंटे में काफी कमी आई है. यह 2577 से घटकर 1055 पहुंच गई है. लेकिन वायु की गुणवत्ता सुधरने की बजाए बिगड़ती ही जा रही है.
दरअसल, पिछली दीपावली यानी 7, नवंबर 2018 के दूसरे दिन से तेज हवा और हल्की बारिस ने स्थानीय प्रदूषक तत्वों को तितर-बितर कर दिया था जबकि इस बार हवा की गति बेहद धीमी होने के साथ बारिश के आसार 2 नवंबर के बाद ही नजर आ रहे हैं. उस वक्त भी हल्की-फुल्की ही बारिस की उम्मीद है. कुल मिलाकर नवंबर के दूसरे हफ्ते में ही प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद की जा सकती है.
नोएडा की स्थिति ज्यादा गंभीर
स्काईमेट के अधिकारी महेश पलावत ने भी फिलहार दो नवंबर तक किसी बड़ी राहत की उम्मीद नहीं जताई है. अभी हवा की गति धीमी ही बनी रहेगी. 2 नवंबर के बाद हल्की-फुल्की बौछार और वायु की गति बढ़ने से वायु की गुणवत्ता में मामूली सुधार आने के आसार हैं.
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संध्या द्विवेदी