पहले औरंगजेब और अब जावेद, कब रुकेगी घाटी में जवानों की शहादत?

बता दें कि जावेद अहमद डार को आतंकियों ने गुरुवार को शोपियां के कचदूरा इलाके से अगवा किया था. इसी इलाके से करीब तीन हफ्ते पहले औरंगजेब को अगवा किया गया था.

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कांस्टेबल जावेद अहमद (फाइल फोटो) कांस्टेबल जावेद अहमद (फाइल फोटो)

सना जैदी / अशरफ वानी

  • श्रीनगर,
  • 06 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 10:59 AM IST

जम्मू-कश्मीर में कुछ दिनों की खामोशी के बाद आतंकियों ने फिर से दुस्साहस दिखाया है. आतंकियों ने शोपियां में पुलिसकर्मी जावेद अहमद डार को अगवा कर हत्या कर दी. कांस्टेबल जावेद एसएसपी के साथ तैनात थे. अगवा पुलिसकर्मी का शव कुलगाम से मिला है.

पहले औरंगजेब और अब जावेद अहमद डार को आतंकवादियों ने अगवा कर मार डाला. बता दें कि जावेद अहमद डार को आतंकियों ने गुरुवार को शोपियां के कचदूरा इलाके से अगवा किया था. इसी इलाके से करीब तीन हफ्ते पहले औरंगजेब को अगवा किया गया था. जावेद को उस वक्त अगवा किया गया जब वो एक मेडिकल पर दवा लेने जा रहे थे.

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चश्मदीदों के मुताबिक एक कार में तीन से चार हथियारबंद आतंकवादी आए. आतंकवादियों ने हवा में फायरिंग की और बंदूक की नोंक पर जावेद को अपने साथ कार में बिठाकर ले गए. जावेद को अगवा कर हत्या करने की जिम्मेदारी हिजबुल मुजाहिद्दीन ने ली है.

जानकारी के मुताबिक जावेद पिछले पांच साल से एसएसपी शैलेंद्र कुमार के साथ ऑपरेटर के तौर पर तैनात थे. जावेद ने पुलिस महकमे को बताया था कि वो अपनी मां को दवाई देने जा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि उनकी मां को दवाइयों की जरूरत है, वो हज के लिए जाने वाली हैं.

दक्षिण कश्मीर के शोपियां में इस तरह की ये कोई पहली घटना नहीं है. आतंकियों का इतिहास यही बताता है कि वो सुरक्षाबलों से बदला लेने के लिए ऐसे ही इलाके को चुनते हैं. अब तक जवानों को अगवा किए जाने के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें आतंकियों ने निहत्थे सुरक्षाकर्मियों को अगवा किया और फिर बुजदिली से उन्हें शहीद कर दिया.

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इसी इलाके से औरंगजेब को किया था अगवा

आतंकियों ने पिछले महीने औरंगजेब को उस वक्त अगवा किया था जब वो ईद की छुट्टियों पर घर जा रहे थे. फिर 14 जून की शाम को उनका गोलियों से छलनी शव पुलवामा जिले के गुस्सु गांव में बरामद हुआ था. औरंगजेब जम्मू-कश्मीर की लाइट इन्फेंट्री का हिस्सा थे, जो 44 राष्ट्रीय रायफल्स के साथ काम कर रही थी. औरंगजेब शोपियां में 44RR की कोर टीम का हिस्सा थे. जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर के भतीजे महमूद भाई को जिस सेना की टीम ने मारा था, औरंगजेब उसी टीम का हिस्सा रहे थे. इसी का बदला लेने के लिए आतंकियों ने औरंगजेब को निशाना बनाया था.

ऑपरेशन ऑलआउट से बौखलाए आतंकी

आतंकी राज्यपाल शासन में सुरक्षाबलों की कार्रवाई से बौखलाए हुए हैं. सेना ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑलआउट तेज कर दिया है. सुरक्षाबलों ने 22 आतंकियों की हिटलिस्ट तैयार की है. जिसमें हिजबुल मुजाहिद्दीन के 11, लश्कर-ए-तैयबा के सात और जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकी शामिल हैं. हाल ही में सेना ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के प्रमुख दाऊद अहमद सलाफी उर्फ बुरहान और उसके तीन सहयोगी को मार गिराया था.

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