70 में से 67 सीटें जीतकर इतिहास रचने वाली आम आदमी पार्टी के विधायक धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं. आम आदमी पार्टी के तीमारपुर से विधायक पंकज पुष्कर, बिजवासन से विधायक कर्नल देवेंद्र शेहरावत, पुरानी दिल्ली से विधायक असीम अहमद खान तो पहले से ही केजरीवाल से दूरी बना चुके हैं और अब बवाना से विधायक वेद प्रकाश इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए.
वहीं सेक्स स्कैंडल में फंसे पार्टी के विधायक संदीप कुमार और फर्जी डिग्री में फंसे विधायक जितेंद्र सिंह तोमर से पार्टी ने खुद ही दूरी बना ली है. पार्टी के बड़े नेता इनके साथ मंच साझा भी नहीं करते. राजौरी गार्डन से विधायक रहे जरनैल सिंह ने तो पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए विधायक पद से इस्तीफा तक दे दिया था. अब इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है. जिसमें आम आदमी पार्टी की हालत अच्छी नहीं बताई जा रही.
21 विधायकों की सदस्यता जाने का खतरा
संसदीय सचिव बनाए गए, लाभ के पद में फंसे पार्टी के 21 विधायकों का मामला चुनाव आयोग में चल रहा है अगर फैसला पक्ष में नहीं आता है, तो पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है और विधायकों की सदस्यता जा सकती है.
27 विधायकों पर लाभ के पद का आरोप, 10 से ज्यादा पर मुकदमें
आम आदमी पार्टी के 27 विधायको पर रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष के पद पर रहने से लाभ के पद की शिकायत राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजी जा चुकी है. इन 27
विधायको में से 10 ऐसे विधायक हैं, जिनका नाम संसदीय सचिव वाले मामले में भी है यानी इन पर दोहरी तलवार लटक रही है. जब से आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार
बनी है किसी ना किसी मामले में पार्टी के कई विधायक विवादों में घिरते रहे हैं, मारपीट से लेकर शोषण तक के मुकदमों के बाद कई विधायक जेल की सलाखों के पीछे तक जा
पहुंचे हैं.
अंकित यादव