कमाई के रिकॉर्ड के बीच अामिर की 'दंगल' पर एक और विवाद

आमिर खान की फिल्म 'दंगल' अपनी सफलता की वजह से सुर्ख़ियों में है और कई रिकॉर्ड बना रही है, वहीं इसके कानूनी मुश्किलों में पड़ने के आसार नजर आ रहे हैं.

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फिल्म 'दंगल' का एक सीन  फिल्म 'दंगल' का एक सीन

दीपिका शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 4:42 PM IST

पिछले हफ्ते साल 2016 की एक ऐसी धमाकेदार फिल्म रिलीज हुई जिसका इंतजार सारे देश की जनता बहुत बेसब्री से कर रही थी. मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की इस फिल्म 'दंगल' ने ना सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर कई कीर्तिमान बनाए बल्कि वुमन रेसलिंग को एक नई परिभाषा भी दी. 'दंगल' ने साबित कर दिया कि बिना मेकअप और बिना फैन्सी लोकेशन्स के भी एक स्ट्रॉन्ग मेसेज वाली दमदार कहानी झंडे गाड़ सकती है.

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लेकिन तारीफ बटोरने के साथ साथ यह फिल्म कई कंट्रोवर्सीज में भी फंसती नजर आई. सबसे पहले तो गीता फोगाट के रीयल लाइफ कोच ने फिल्म पर एक लीगल केस ठोका और आरोप लगाया कि बेवजह फिल्म में उनकी बेज्जती दिखाई गई है, जबकि असल में ऐसा नहीं है और फोगाट परिवार के साथ उनके सम्बन्ध बहुत अच्छे हैं.

उसके बाद आज एक नई कंट्रोवर्सी सामने आई है जब आदिल खत्री नाम के एक वकील ने फिल्म निर्माताओं पर भारत के राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया है. 'जय हो फाउंडेशन' नाम की एक एनजीओ की सहायता से आदिल खत्री ने 'दंगल' के निर्माताओं पर कानूनी कार्यवाही की मांग की है. फिल्म के अंत में गीता फोगाट के जीतने के बाद बहुत धीमे स्वर में भारत का राष्ट्रगान शुरू होता है.

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'जय हो फाउंडेशन' का मानना है कि यह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुकूल नहीं था. इसी वजह से 'जय हो फाउंडेशन' के ट्रस्टी और लीगल हेड आदिल खत्री ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) को एक चिट्ठी लिखते हुए मांग की है कि इस पर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए. आदिल ना सिर्फ इस बात से नाराज हैं कि राष्ट्र्गान का स्वर बहुत धीमा था बल्कि उनका कहना है कि इस सीन के दौरान फिल्म निर्माताओं को एक डिस्क्लेमर भी डालना चाहिए था कि ऑडियंस अपनी अपनी सीट से उठकर राष्ट्रगान का सम्मान करें.

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