सात साल के बेटे की डेंगू से मौत हो जाने पर दिल्ली में मां- बाप ने आत्महत्या कर ली. दिल्ली के दो बड़े अस्पतालों ने बेड न होने की दलील देकर बच्चे को भर्ती करने से मना कर दिया था.
बच्चे को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने के दौरान ही डेंगू का प्राथमिक उपचार न मिलने से उसकी मौत हो गई. दम्पति लक्ष्मीचंद्र और बबिता ने 8 सितम्बर की रात को छत से कूदकर अपनी जान दे दी. अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि इसमें किसी की कोई गलती नहीं है, यह हमारा फैसला है.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने इस घटना पर कुछ भी कहने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इलाज के लिए मना करने वाले दो अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी की है. यह नोटिस मूलचंद और मैक्स साकेत हॉस्पिटल को जारी की गई है.
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