वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे के खिलाफ खुदरा कारोबारियों ने देश भर में किया प्रदर्शन

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कई ई-कॉमर्स कंपनियों ने विगत वर्षों के दौरान कीमतों में लूट, भारी छूट और अन्य गलत तरीकों के जरिए ई-कॉमर्स मंच को भारी नुकसान पहुंचाया है. वॉलमार्ट के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के प्रेस नोट तीन का उल्लंघन करना बेहद आसान हो जाएगा.

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प्रदर्शन करते कारोबारी (तस्वीर- सुधीर कुमार) प्रदर्शन करते कारोबारी (तस्वीर- सुधीर कुमार)

अजीत तिवारी / सुशांत मेहरा

  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST

देश भर में करीब 1000 जगहों पर खुदरा कारोबारियों ने वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे के विरोध में सोमवार को प्रदर्शन किया. खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार से मांग की कि इस सौदे से ई-कॉमर्स क्षेत्र में गलत चलन में कई गुना वृद्धि होगी.

उन्होंने कहा कि वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदा खुदरा कारोबार को हथियाने की दिशा में एक कदम आगे साबित होगा. कैट की मांग है कि फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट डील को रद्द किया जाए.

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कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कई ई-कॉमर्स कंपनियों ने विगत वर्षों के दौरान कीमतों में लूट, भारी छूट और अन्य गलत तरीकों के जरिए ई-कॉमर्स मंच को भारी नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने दावा किया कि ऐसे समय में जब ई-कॉमर्स के बारे में कोई स्पष्ट नीति नहीं है, वॉलमार्ट के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के प्रेस नोट तीन का उल्लंघन करना बेहद आसान हो जाएगा.

कोर्ट में होगा सौदे का विरोध

इससे पहले कैट ने अपने बयान में कहा कि इससे वॉलमार्ट को फ्लिपकार्ट खरीद कर परोक्ष तरीके से खुदरा व्यापार में घुसने का प्रोत्साहन मिला. खंडेलवाल ने कहा कि व्यापारियों का संगठन कैट पहले ही इस संदर्भ में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को अपनी आपत्तियों से अवगत करा चुका है और जरूरत पड़ने पर वह अदालत में भी इस सौदे का विरोध करेगा.

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सीसीआई में शिकायत

व्यपारियों का कहना था कि यह डील पूरी तरह व्यपारियों के हित में नहीं है. अगर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो वो इसके खिलाफ कोर्ट भी जा सकते हैं. कैट ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कर दिया है.

उनकी शिकायत है कि ई-कॉमर्स मार्केट पहले ही नियमों का उल्लंघन कई बार कर चुके हैं. ये ई कॉमर्स कंपनियां ऑनलाइन हैवी डिस्काउंट देते हैं जो कि गलत है. इससे ऑनलाइन और ऑफलाइन कीमतों में काफी फर्क आता है और इसका नुकसान रिटेलर को होता है. यही वजह है जिसके कारण आज देशभर के ट्रेडर्स नहीं चाहते कि वॉलमार्ट ओर फ्लिपकार्ट की यह डील जारी रहे क्योंकि इससे व्यापारी वर्ग को खासा नुकसान होगा. उनका यह भी कहना था कि जब तक इस डील को रद्द नहीं किया जाता तब तक उनका ये विरोध जारी रहेगा.

उल्लेखनीय है कि खुदरा क्षेत्र की अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट इंक ने फ्लिपकार्ट की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 1 लाख छत्तीस करोड़ रुपए (16 अरब डॉलर) में खरीदने की घोषणा पहले ही कर चुकी है.

इससे पहले एक जून को कैट ने वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देशभर में जीएसटी दिवस आयोजित किया. कैट ने कहा कि जीएसटी के बारे में व्यापारियों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं रहीं.

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