अरुण शौरी ने साधा मोदी पर‍ निशाना: जानिए उनके इंटरव्यू की 10 खास बातें

अट‍ल बिहारी वाजपेयी की सरकार में अहम भूमिका निभाने वाले अरुण शौरी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. मोदी सरकार की पहली सालगिरह के मौके पर शौरी ने 'हेडलाइंस टुडे' को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया. जानिए अरुण शौरी के इंटरव्यू की 10 खास बातें...

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अरुण शौरी अरुण शौरी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2015,
  • अपडेटेड 3:35 AM IST

अट‍ल बिहारी वाजपेयी की सरकार में अहम भूमिका निभाने वाले अरुण शौरी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. मोदी सरकार की पहली सालगिरह के मौके पर शौरी ने 'हेडलाइंस टुडे' को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया. जानिए अरुण शौरी के इंटरव्यू की 10 खास बातें...

1. सरकार अपनी सोच को लेकर स्पष्ट नहीं है. सरकार के पास आइडिया अच्छे हैं, लेकिन उन्हें लागू करने में वो पीछे है. समझ और वायदों तथा प्रोजेक्शन और परफॉर्मेंस में बड़ा गैप है. सरकार को पूरी तरह लो प्रोफाइल रहना चाहिए.

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2. मोदी की आर्थिक नीति दिशाहीन है. आर्थिक नीति को लेकर कोई बड़ी तस्वीर नहीं है. आर्थिक नीति पर मोदी का फोकस एक मुख्यमंत्री की तरह है. उन्हें परियोजनाओं की बजाय नीतियों पर ज्यादा फोकस करना चाहिए.

3. मोदी की विदेश नीति सफल है, लेकिन मोदी को नीतियों को जल्दी-जल्दी लागू करना चाहिए. चीन भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. मोदी को और तेज होना पड़ेगा. कोई हमारे लिए इंतजार नहीं करेगा. अमेरिका पहले ही इस बेसब्री को महसूस कर रहा है.

4. पाकिस्तान को लेकर सरकार स्पष्ट नहीं है. हमें पाकिस्तान की तरफ स्थिरता से नजर रखनी चाहिए.

5. निवेश नहीं बढ़ रहा. सरकार इंडिया इंक की चेतावनियों को नजरअंदाज नहीं कर सकती. सरकार को जागने की जरूरत है. निवेशकों को अभी भी उम्मीद है, लेकिन इंडस्ट्रियल सेक्टर मजबूत कदमों का इंतजार कर रहा है. विकास दर के दावे सिर्फ हेडलाइंस में आने के लिए किए जाते हैं और सरकार सिर्फ हेडलाइंस में आने की कोशि‍श करती है.

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6. टैक्स व्यवस्था को लेकर कन्फ्यूजन है. सरकार के फैसलों से निवेशक छिटक रहे हैं.

7. भारत को मजदूर व्यवस्था को लेकर सुधार करने की जरूरत है. लैंड बिल पर विवाद नहीं होने देना चाहिए था. बीजेपी ने अपने सहयोगियों को भरोसे में नहीं लिया. मोदी को विपक्ष को भरोसे में जरूर लेना चाहिए था. विपक्ष के सपोर्ट के बिना कोई भी सुधार नहीं किया जा सकता. विपक्ष मोदी के खि‍लाफ एकजुट हो गया है.

8. जरूरी पदों पर वैकेंसी को लेकर हालात भयावह हैं. समझ नहीं आता कि इन पदों को भरा क्यों नहीं गया. इससे महत्वपूर्ण संगठनों को मुसीबत झेलनी पड़ रही है.

9. सरकार को अल्पसंख्यकों का डर दूर करना चाहिए. सरकार अल्पसंख्यकों को भरोसा दिलाने में नाकाम रही है. ईसाई बहुत नाराज हैं. प्रधानमंत्री को सबसे बात करनी चाहिए. मोदी को इन जटिल मुद्दों पर जरूर बोलना चाहिए. उनकी चुप्पी से नैतिक सवाल खड़े होते हैं.

10. मोदी को मोनोग्राम वाला सूट नहीं पहनना चाहिए था. मैं समझ नहीं पाया कि मोदी ने वो सूट क्यों स्वीकार किया. आप गांधी का नाम लेकर ऐसी चीजें नहीं पहन सकते.

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