ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम इतिहास रचने से चूक गई है. अर्जेंटिना के साथ आज खेले गए सेमीफाइनल मैच में भारत महिला हॉकी टीम हार गई है. अर्जेंटिना ने 2 गोल दागे, जबकि भारत सिर्फ एक गोल कर पाया है. हालांकि हमारी बेटियों ने शानदार प्रदर्शन किया. अब ब्रॉन्ज के लिए महिला टीम की टक्कर होगी. खैर आज देश को उन सभी 16 बेटियों पर नाज है, जिन्होंने इतिहास में पहली बार महिला हॉकी टीम को अंतिम-4 में पहुंचाया है. आइए इन्हीं बेटियों में से एक दीप ग्रेस एक्का के बारे में जानते हैं.
भारत की महिला हॉकी टीम भी सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई है. उसे अर्जेंटीना के हाथों 1-2 से हार मिली है. टीम इंडिया अब कांस्य पदक के लिए खेलेगी. महिला टीम से पहले पुरुष टीम भी सेमीफाइनल का मैच हारी थी. उसे बेल्जियम से शिकस्त मिली थी.
भारत की बेटियों के सामने आज इतिहास रचकर पहली बार ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने का चांस है. पूरे देश की नज़रें आज टोक्यो में टीम इंडिया पर टिकी हैं और सवा अरब लोगों की दुआएं देश की बेटियों के साथ हैं.
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दीप ग्रेस एक्का ने 2011 में अंडर-18 एशिया कप में भारत को कांस्य पदक दिलाया था. 2013 में महिला विश्व कप, 2014 व 2018 में एशियन गेम्स, 2016 में रियो ओलिंपिक में दीप ग्रेस एक्का ने भारत का प्रतिनिधित्व किया है. टोक्यो ओलंपिक दीप ग्रेस एक्का का दूसरा ओलंपिक है. दीप ग्रेस एक्का के पास 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का अनुभव है. टोक्यो ओलंपिक जाने से पहले ही दीप ग्रेस एक्का हॉकी टीम का उप-कप्तान बनाया गया.
ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले की रहने वाली डिफेंडर दीप ग्रेस एक्का ने भारत के पूर्व गोलकीपर और अपने बड़े भाई दिनेश से प्रेरित होकर12 साल की उम्र से हॉकी खेलना शुरू किया. वह गोलकीपर बनना चाहती थीं, लेकिन उनके भाई और चाचा ने डिफेंडर बनने की सलाह दी. दीपा के पिता चार्ल्स एक्का बताते हैं कि बचपन में हॉकी स्टिक न होने के कारण वे केंदू पौधे से बने हॉकी स्टिक से खेलती थीं. दीप एक्का के परिवार ने उनको हॉकी खेलने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया है. हालांकि जब बचपन में दीप ने हॉकी स्टिक उठाई थी तो पड़ोसी ताना मारा करते थे, अब वही पड़ोसी दीप पर गर्व कर रहे हैं.
दीप ग्रेस एक्का का जन्म 3 जून 1994 को ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के लुलकिधी नामक एक छोटे से गांव में हुआ था. वह चार्ल्स और जयमणि एक्का की बेटी हैं. दीप ने स्कूल में हॉकी खेलना शुरू किया. उन्हें सितंबर 2007 में भारतीय खेल प्राधिकरण के SAI-SAG केंद्र में शामिल होने के लिए चुना गया था. दीप ने 13 साल की उम्र में राज्य स्तर पर खेलना शुरू कर दिया था. 16 साल की उम्र में वह सोनीपत में सीनियर्स के साथ खेलीं. 2011 में वह रांची में राष्ट्रीय खेलों में खेलीं. उन्हें जूनियर नेशनल कैंप के लिए भी चुना गया और उन्होंने जूनियर एशिया कप के लिए बैंकॉक की यात्रा की.