देश के सियासी इतिहास में पहली बार है कि एक खिलाड़ी खेल मंत्री बना है. एथेंस ओलंपिक में रजत पदक जीत चुके राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने खेल मंत्रालय का पद संभालते हुए कहा कि मेरा सफर इस मंत्रालय में रिसेप्शन से शुरू हुआ.
सिर्फ एक वीआईपी है- खिलाड़ी
पदभार ग्रहण करने के बाद राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ-साथ पूरे देशवासियों का धन्यवाद करना चाहूंगा. भारतीयों में बहुत क्षमता है खासतौर से युवाओं में, पूरे विश्व के भीतर बेहतरीन प्रदर्शन की क्षमता भारतीयों में है.
मंत्रालय का लक्ष्य- सम्मान और सुविधा
उन्होंने कहा कि हर खिलाड़ी के लिए सम्मान होना चाहिए और जो देश के लिए खेल रहे उन्हें पूरी सुविधा मिलनी चाहिए. खेल सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं होते हैं और न ही इन्हें कॉलेज या स्कूल तक सीमित रखा जाना चाहिए.
ओलंपिक में देश का नाम रोशन करने वाले निशानेबाज ने कहा कि खेल आपको सिखाता है कि आपको अपना जीवन कैसे बिताना है. केंद्र से लेकर राज्य सरकारें, कॉरपोरेट, माता-पिता और खेल संस्थान सब को एकजुट होकर इसको एक जीने का तरीका बनाना होगा. हर राज्य बेहतरीन से बेहतरीन खिलाड़ी देश के लिए खेलने को भेजें.
राज्यवर्धन ने कहा कि इस पूरे मंत्रालय के अंदर जो माहौल है, उसे बदलना बहुत जरूरी है. खेलों की तरफ हमारा रवैया बदलना जरूरी है. हम तमाम स्कीमों को बेहतर करने का काम करेंगे. उनकी खामियां दूर करेंगे. जमीन पर स्कीमों को सही तौर से लागू करेंगे. खिलाड़ी के लिए उसका काम करना और आसान करेंगे. खेल मंत्रालय का काम ही यही है. एक खिलाड़ी की तैयारी के लिए हमारी कोशिश उसे बेहतरीन सुविधा देने की होगी.
रिसेप्शन से शुरू हुआ खेल मंत्रालय में सफर
राठौड़ ने कहा कि मेरा सफर यहां पर रिसेप्शन से शुरू होता है. इस मंत्रालय मैं जानता हूं और यह भी कि एक खिलाड़ी के रूप में क्या दिक्कत आती है. मेरा यकीन है कि इस मंत्रालय में बहुत से अच्छे अधिकारी हैं, जिसके चलते न सिर्फ मुझे, बल्कि अन्य खिलाड़ियों को भी सहारा मिला.
उन्होंने कहा कि मैं सबकी उम्मीदों को पहले भी उठाता रहा हूं और यह मेरे लिए पहली चुनौती थी, जब मैंने खेलना शुरू किया था. लेकिन, एक खिलाड़ी हारने से नहीं हारता. मैं हर उस चीज की शुरूआत करूंगा जिसकी जरूरत भारतीय खिलाड़ियों को है. इसके लिए मुझे हर खिलाड़ी और हर एक देशवासी का साथ चाहिए, क्योंकि माहौल बदलना है. सबसे युवा देश खेलों में भी सर्वप्रथम हो सकता है. यह माहौल हम सब मिलकर बदल सकते हैं.
नंदलाल शर्मा / मौसमी सिंह