भारत की इस सलामी जोड़ी ने मचाया था तहलका, 52 साल तक बरकरार रहा ये रिकॉर्ड

टेस्ट क्रिकेट के इतिहास मे ढेरों रिकॉर्ड बने और उनमें से कई टूटे भी. 1956 में पंकज रॉय और वीनू मांकड़ की सलामी जोड़ी ने भी एक खास रिकॉर्ड बनाया था. न्यूजीलैंड के खिलाफ चेन्नई में दोनों ने 413 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप की थी.

Advertisement
Indian Openers Vinoo Mankad and Pankaj Roy ©Wisden Cricket Monthly Indian Openers Vinoo Mankad and Pankaj Roy ©Wisden Cricket Monthly

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2021,
  • अपडेटेड 9:51 AM IST
  • 1928 में आज ही के दिन (31 मई) पंकज रॉय का कोलकाता में जन्म हुआ था
  • पंकज रॉय और वीनू मांकड़़ ने पहले विकेट के लिए 413 रन जोड़े थे

टेस्ट क्रिकेट के इतिहास मे ढेरों रिकॉर्ड बने और उनमें से कई टूटे भी. 1956 में पंकज रॉय और वीनू मांकड़ की सलामी जोड़ी ने भी एक खास रिकॉर्ड बनाया था. न्यूजीलैंड के खिलाफ चेन्नई में दोनों ने 413 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप की थी, जो आज भी लोगों के जेहन में है. इस दौरान पंकज ने 173 और वीनू ने 231 रनों की पारी खेली थी. पंकज और वीनू का यह वर्ल्ड रिकॉर्ड 52 साल बाद 2008 में टूटा था. तब साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज नील मैकेंजी और ग्रीम स्मिथ ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले विकेट के लिए 415 रन जोड़ दिए थे. 

Advertisement

1928 में आज ही के दिन (31 मई) पंकज रॉय का कोलकाता में जन्म हुआ था. करियर की शुरुआती दौर में पंकज रॉय एक फुटबॉलर बनना चाहते थे. लेकिन एक मैच के दौरान चोटिल होने के बाद उन्होंने क्रिकेट की ओर ध्यान लगाया. 

टेस्ट क्रिकेट- पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी पार्टनरशिप

1. नील मैकेंजी- ग्रीम स्मिथ (साउथ अफ्रीका), 415 रन, विरुद्ध बांग्लादेश, चटगांव- 2008
2. पंकज रॉय- वीनू मांकड़ (भारत), 413 रन, विरुद्ध न्यूजीलैंड, चेन्नई -1956
3. वीरेंद्र सहवाग- राहुल द्रविड़ (भारत), 410 रन, विरुद्ध पाकिस्तान, लाहौर- 2006
    
पंकज रॉय का इंटरनेशनल करियर -

पंकज रॉय ने 1946 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण करते हुए शतक जड़ा था. घरेलू स्तर पर शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें 1951 में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए चुना गया. अपनी डेब्यू टेस्ट सीरीज में पंकज रॉय ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए दो शतकों समेत 387 रन बनाए. 

Advertisement

इसके बाद 1952 में इंग्लैंड दौरे पर उनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा. उस दौरे में वह महज 54 रन बना सके, जिसमें वे पांच बार तो खाता भी नहीं खोल सके. हर बार वे फ्रेड ट्रूमैन का शिकार हुए. इसके बावजूद पंकज रॉय की टीम में जगह बनी रही. 

1953 में वेस्टइंडीज दौरे पर पंकज रॉय ने फॉर्म में वापसी करते हुए चार टेस्ट मैचों में 383 रन बनाए. 1955-56 में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद उनके फॉर्म में गिरावट आ गई. आखिरी 19 टेस्ट मैचों में उनके बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला. दिसंबर 1960 में पाकिस्तान के खिलाफ मुंबई में उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला.

Pankaj Roy (Getty)

पंकज रॉय अपने टेस्ट करियर में कुल 14 बार शून्य पर आउट हुए. उन्होंने 1959 में एक टेस्ट में भारत की कप्तानी भी की. हालांकि उस मुकाबले में भारत को इंग्लैंड के हाथों हार मिली थी. पंकज रॉय ने अपने करियर में 43 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 32.56 की औसत से 2442 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 9 अर्धशतक और 5 शतक निकले. उन्होंने 185 फर्स्ट क्लास मैचों में 42.38 की औसत से 11868 रन बनाए , जिसमें 33 शतक और 50 अर्धशतक शामिल रहे. फर्स्ट क्लास मैचों उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 202 है. 

Advertisement

रिटायरमेंट के बाद -

पंकज रॉय ने रिटायरमेंट के बतौर चयनकर्ता अपनी सेवाएं दीं. वह 1983 विश्व कप के भारतीय टीम का चयन करने वाली चयन समिति का भी हिस्सा रहे थे. पंकज रॉय को 2000 में कोलकाता का शेरिफ नियुक्त किया गया था. क्रिकेट अहम योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा था. 4 फरवरी 2001 को दिल का दौरा पड़ने से पंकज रॉय का निधन हो गया. पंकज रॉय के बेटे प्रणब रॉय और भतीजे अंबर रॉय भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement