Swapnil Kusale Paris Olympics 2024 Bronze Medal Story: पेरिस ओलंपिक के 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस (50m Rifle 3 Positions Men's Final Results) में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले स्वप्निल कुसाले ने इतिहास रच दिया.
पहली बार किसी भारतीय शूटर ने ओलंपिक के इस इवेंट यानी 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में पदक जीता. कुसाले ने इसके साथ ही भारत को तीसरा मेडल दिलाया. खास बात यह रही कि भारत के तीनों ही मेडल इस ओलंपिक में शूटिंग में ही आए हैं.
वैसे कुसाले की कहानी महान क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की तरह है. धोनी की तरह कुसाले भी टिकट कलेक्टर (TC) हैं. कुसाले धोनी से प्रेरणा लेते हैं जो करियर की शुरुआत में उन्हीं की तरह रेलवे में टिकट कलेक्टर थे.
कुसाले आज (एक अगस्त) को दिन में 1.00 बजे फाइनल में खेलने उतरे. कुसाले इस इवेंट के फाइनल में खेलने वाले पहले भारतीय थे, अपने पहले ही ओलंपिक में उन्होंने भारत को मेडल दिलाया.
महाराष्ट्र के कोल्हापुर के कंबलवाड़ी गांव से ताल्लुक रखने वाले 29 वर्ष के कुसाले 2012 से अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेल रहे हैं, लेकिन ओलंपिक पदार्पण के लिए उन्हें 12 साल इंतजार करना पड़ा. धोनी को आदर्श मानने वाले कुसाले ने विश्व कप विजेता क्रिकेट कप्तान की जिंदगी पर बनी फिल्म 'एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' कई बार देखी है.
धोनी क्यों हैं पसंदीदा, कुसाले ने बताई थी वजह
कुसाले ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह निशानेबाजी में किसी खास खिलाड़ी से मार्गदर्शन नहीं लेते हैं. लेकिन अन्य खेलों में धोनी मेरे पसंदीदा हैं. मेरे खेल में भी शांतचित्त रहने की जरूरत है और वह भी मैदान पर हमेशा शांत रहते थे. वह भी कभी टीसी थे और मैं भी हूं.
मध्य रेलवे में करते हैं काम
कुसाले 2015 से मध्य रेलवे में काम करते हैं. उनके पिता और भाई जिला स्कूल में शिक्षक हैं और मां गांव की सरपंच हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था- अभी तक अनुभव बहुत अच्छा रहा है. मुझे निशानेबाजी पसंद है और मुझे खुशी है कि इतने लंबे समय से कर पा रहा हूं. मनु भाकर को देखकर आत्मविश्वास आया है. वह जीत सकती है तो हम भी जीत सकते हैं.
पीएम मोदी ने दी स्वप्निल कुसाले को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वप्निल कुसाले को उनके इस प्रदर्शन के लिए बधाई दी. पीएम मोदी ने X पर एक पोस्ट शेयर किया. पीएम ने लिखा- का असाधारण प्रदर्शन! #ParisOlympics2024 में पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई. उनका प्रदर्शन इसलिए खास है क्योंकि उन्होंने बेहतरीन लचीलापन और कौशल दिखाया है. वह इस श्रेणी में पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट भी हैं. हर भारतीय खुशी से भर गया है. वहीं अभिनव बिंंद्रा ने भी कुसाले को बधाई दी.
पहली बार एक ओलंपिक में शूटिंग में तीन मेडल
देखा जाए तो पहली बार किसी भारतीय शूटर ने ओलंपिक की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में पदक जीता है. भारत का मौजूदा ओलंपिक खेलों में ये तीसरा मेडल रहा. इससे पहले भारत के पिछले दो मेडल भी शूटिंग में आए थे. यानी पहली बार शूटिंग में भारत ने किसी ओलंपिक सीजन में तीन मेडल हासिल किए. इस स्पर्धा का गोल्ड मेडल चीन के लियू युकुन और सिल्वर मेडल कुलिश सेरही (यूक्रेन) ने जीता.
फाइनल मैच में नीलिंग और प्रोन की सीरीज के समाप्ति के बाद 29 साल के स्वप्निल कुसाले 310.1 अंकों के साथ पांचवें नंबर पर थे. लेकिन स्टैंडिंग की दो सीरीज में उन्होंने शानदार वापसी की. स्टैंडिंग सीरीज के बाद स्वप्निल तीसरे स्थान पर आ गए और उन्होंने ये पोजीशन बरकरार रखी. नीलिंग में शूटर घुटने के बल बैठकर शूटिंग करते हैं, वहीं प्रोन में जमीन पर लेटकर शूटिंग की जाती है. जबकि स्टैंडिंग में शूटर खड़े होकर शूटिंग करते हैं.
नीलिंग (पहली सीरीज)- 9.6, 10.4, 10.3, 10.5, 10.0, कुल: 50.8 अंक
नीलिंग (दूसरी सीरीज)- 10.1, 9.9, 10.3, 10.5, 10.1, कुल: 51.9 अंक
नीलिंग (तीसरी सीरीज)- 9.7, 10.3, 10.8, 10.4, 10.0, कुल: 51.6 अंक
प्रोन (पहली सीरीज)- 10.5, 10.6, 10.5, 10.6, 10.5, कुल: 52.7 अंक
प्रोन (दूसरी सीरीज)- 10.8, 10.2, 10.5, 10.4, 10.3, कुल: 52.2 अंक
प्रोन (तीसरी सीरीज)- 10.5, 10.4, 10.4, 10.2, 10.4, कुल: 51.9 अंक
स्टैंडिंग (पहली सीरीज)- 9.5, 10.7, 10.3, 10.6, 10.0, कुल: 51.1
स्टैंडिंग (दूसरी सीरीज)- 10.6, 10.3, 9.1, 10.1, 10.3, कुल: 50.4 अंक
बॉकी के चार शॉट्स: 10.5, 9.4, 9.9, 10.0
शूटिंग में भारत के पदकवीर (ओलंपिक)
1. राज्यवर्धन सिंह राठौड़
रजत पदक: एथेंस (2004)
2. अभिनव बिंद्रा
स्वर्ण पदक, बीजिंग ओलंपिक (2008)
3. गगन नारंग
कांस्य पदक: लंदन ओलंपिक (2012)
4. विजय कुमार
रजत पदक: लंदन ओलंपिक (2012)
5. मनु भाकर
कांस्य पदक: पेरिस ओलंपिक (2024)
6.मनु भाकर- सरबजोत सिंह
कांस्य पदक: पेरिस ओलंपिक (2024)
7.स्वप्निल कुसाले
कांस्य पदक: पेरिस ओलंपिक (2024)
भारत के ओलंपिक मेडलिस्ट की पूरी लिस्ट, जानें कौन, कब बना विजेता
| एथलीट/खेल | मेडल | इवेंट | ओलंपिक सीजन |
| नॉर्मन प्रिचर्ड* | सिल्वर | पुरुषों की 200 मीटर रेस | पेरिस 1900 |
| नॉर्मन प्रिचर्ड** | सिल्वर | पुरुषों का 200 मीटर बाधा दौड़ (हर्डल रेस) | पेरिस 1900 |
| भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | एम्स्टर्डम 1928 |
| भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | लॉस एंजिल्स 1932 |
| भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | बर्लिन 1936 |
| भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | लंदन 1948 |
| भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | हेल्सिंकी 1952 |
| भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | मेलबर्न 1956 |
| केडी जाधव | ब्रॉन्ज | पुरुषों की बेंटमवेट कुश्ती | हेल्सिंकी 1952 |
| भारतीय हॉकी टीम | सिल्वर | पुरुष हॉकी | रोम 1960 |
| भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | टोक्यो 1964 |
| भारतीय हॉकी टीम | ब्रॉन्ज | पुरुष हॉकी | मेक्सिको सिटी 1968 |
| भारतीय हॉकी टीम | ब्रॉन्ज | पुरुष हॉकी | म्यूनिख 1972 |
| भारतीय हॉकी टीम | गोल्ड | पुरुष हॉकी | मास्को 1980 |
| लिएंडर पेस | ब्रॉन्ज | पुरुष एकल टेनिस | अटलांटा 1996 |
| कर्णम मल्लेश्वरी | ब्रॉन्ज | भारोत्तोलन (महिलाओं का 54 किग्रा | सिडनी 2000 |
| राज्यवर्धन सिंह राठौड़ | सिल्वर | पुरुषों की डबल ट्रैप शूटिंग | एथेंस 2004 |
| अभिनव बिंद्रा | गोल्ड | पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग | बीजिंग 2008 |
| विजेंदर सिंह | ब्रॉन्ज | पुरुषों की मिडिलवेट बॉक्सिंग (मुक्केबाजी) | बीजिंग 2008 |
| सुशील कुमार | ब्रॉन्ज | पुरुषों की 66 किग्रा कुश्ती | बीजिंग 2008 |
| सुशील कुमार | सिल्वर | पुरुषों की 66 किग्रा कुश्ती | लंदन 2012 |
| विजय कुमार | सिल्वर | पुरुषों की 25 मीटर रैपिड पिस्टल शूटिंग | लंदन 2012 |
| साइना नेहवाल | ब्रॉन्ज | महिला एकल बैडमिंटन | लंदन 2012 |
| मैरी कॉम | ब्रॉन्ज | महिला फ्लाइवेट मुक्केबाजी | लंदन 2012 |
| योगेश्वर दत्त | ब्रॉन्ज | पुरुष 60 किग्रा कुश्ती | लंदन 2012 |
| गगन नारंग | ब्रॉन्ज | 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग | लंदन 2012 |
| पीवी सिंधु | सिल्वर | महिला एकल बैडमिंटन | रियो 2016 |
| साक्षी मलिक | ब्रॉन्ज | महिला 58 किग्रा कुश्ती | रियो 2016 |
| मीराबाई चानू | सिल्वर | महिला 49 किग्रा भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग) | टोक्यो 2020 |
| लवलीना बोरगोहेन | ब्रॉन्ज | महिला वेल्टरवेट बॉक्सिंंग (64-69 किग्रा) | टोक्यो 2020 |
| पीवी सिंधु | ब्रॉन्ज | महिला एकल बैडमिंटन | टोक्यो 2020 |
| रवि कुमार दहिया | सिल्वर | पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा कुश्ती | टोक्यो 2020 |
| भारतीय हॉकी टीम | ब्रॉन्ज | पुरुष हॉकी | टोक्यो 2020 |
| बजरंग पुनिया | ब्रॉन्ज | पुरुष 65 किग्रा कुश्ती | टोक्यो 2020 |
| नीरज चोपड़ा | गोल्ड | पुरुषों का भाला फेंक (जेवलिन थ्रो) | टोक्यो 2020 |
| मनु भाकर | ब्रॉन्ज | वूमेन्स 10 मीटर एयर पिस्टल | पेरिस 2024 |
| मनु भाकर-सरबजोत सिंंह | ब्रॉन्ज | मिक्स्ड 10 मीटर एयर पिस्टल | पेरिस 2024 |
| स्वप्निल कुसाले | ब्रॉन्ज | 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस | पेरिस 2024 |
*** नोट: नॉर्मन प्रिचर्ड ने ब्रिटिश झंडे के तहत भारत की ओर से भाग लिया था, वह एक ब्रिटिश मूल के खिलाड़ी थे.
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