Aman Sehrawat, Paris Olympics 2024: बचपन में माता-पिता को खो दिया... दादा ने संभाला, ऐसा रहा अमन सहरावत का ओलंपिक सफर

रेसलर अमन सहरावत मेन्स 57 किग्रा सेमीफाइनल में जापान के री हिगुची के हाथों 0-10 से हार गए. अब अमन सहरावत ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेलेंगे. ब्रॉन्ज मेडल मैच 9 अगस्त को खेला जाएगा. हिगुची रियो ओलंपिक (2016) में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं. 21 साल के अमन सहरावत का ओलंपिक तक का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है. जाट परिवार से आने वाले अमन हरियाणा के झज्जर जिले के बिरोहर से आते हैं.

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रेसलर अमन सहरावत. रेसलर अमन सहरावत.

aajtak.in

  • पेरिस,
  • 08 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 10:14 PM IST

Aman Sehrawat, Paris Olympics 2024: भारत के युवा पहलवान अमन सहरावत पेरिस ओलंपिक 2024 में इतिहास रचने से चूक गए. उन्हें मेन्स 57 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में 10-0 से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. अब अमन ब्रॉन्ज मेडल के लिए मुकाबला खेलेंगे. यदि सेमीफाइनल जीतते तो अमन सिल्वर मेडल पक्का कर लेते. 

अमन का सेमीफाइनल मुकाबला गुरुवार (8 अगस्त) को टॉप सीड जापान के रेई हिगुची था, जिसमें शिकस्त मिली. हालांकि इससे पहले अमन ने अपने क्वार्टर फाइनल में अल्बेनिया के जेलिमखान अबाकारोव को तकनीकी श्रेष्ठता में 12-0 से हराया था.

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सेमीफाइनल में 2 मिनट में ही हो गए ढेर

एशियाई चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता और ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले देश के एकमात्र पुरुष पहलवान अमन ने क्वार्टर फाइनल में अबाकारोव पर आसानी से जीत हासिल की. मगर सेमीफाइनल में वो जापानी रेसलर के सामने 2 मिनट 14 सेकंड में ही ढेर हो गए. हालांकि अब भी उनके पास ब्रॉन्ज जीतने का मौका है.

बचपन में ही माता-पिता को खो दिया था

21 साल के अमन सहरावत का ओलंपिक तक का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है. जाट परिवार से आने वाले अमन हरियाणा के झज्जर जिले के बिरोहर से आते हैं. उन्होंने 11 साल की उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया था. पहले अमन की मां का हार्ट अटैक से निधन हो गया था, तब उनकी उम्र 10 साल थी. फिर लगभग एक साल बाद उनके पिता भी चल बसे. 

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इसके बाद अमन और उनकी छोटी बहन पूजा सेहरावत को उनके बड़े चाचा सुधीर सेहरावत और एक मौसी की देखभाल में छोड़ दिया गया. माता-पिता की दुखद मृत्यु के बाद अमन गंभीर अवसाद से जूझ रहे थे, ऐसे में उनके दादा मांगेराम सहरावत ने उन्हें संभाला और इससे उबरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

रेसलिंग में ऐसा रहा है अमन का सफर

इस सबके बीच उन्होंने कुश्ती के प्रति अपने जुनून को जारी रखा और कोच ललित कुमार के अंडर ट्रेनिंग लेना शुरू किया. अमन ने 2021 में अपना पहला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप खिताब जीतकर लाइमलाइट में आए. अमन ने 2022 के एशियाई खेलों में 57 किलोग्राम वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता.

फिर साल 2023 एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया. जनवरी 2024 में उन्होंने जागरेब ओपन कुश्ती टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया. वह पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले भारत के एकमात्र पुरुष पहलवान रहे.

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