अफगानिस्तान: तालिबान की क्रूर हरकत, महिला वॉलीबॉल प्लेयर का सिर कलम किया

अफगानिस्तान में तालिबान की क्रूर हरकत लगातार जारी है. अबकी बार फिर तालिबान ने एक महिला वॉलीबॉल प्लेयर का सिर कलम कर दिया है. टीम के कोच ने एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया है.

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तालिबान ने महिला वॉलीबॉल प्लेयर को मारा (फोटो: इंटरनेशनल मीडिया) तालिबान ने महिला वॉलीबॉल प्लेयर को मारा (फोटो: इंटरनेशनल मीडिया)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST
  • टीम के कोच ने किया खुलासा
  • तालिबान राज में खेल पर संकट

Taliban: अफगानिस्तान में जब से तालिबान का राज आया है खेल का भविष्य संकट में आ गया है. अब एक और हैरान करने वाली खबर सामने आई है. तालिबान के लड़ाकों ने अफगानिस्तान की जूनियर महिला वॉलीबॉल टीम की प्लेयर का सिर कलम कर दिया है. 

जूनियर महिला नेशनल टीम के कोच ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया को इसकी जानकारी दी है. इंटरव्यू में बताया गया है कि महजबीन हकीमी नाम की प्लेयर को अक्टूबर के शुरुआत में तालिबान द्वारा मार दिया गया. किसी ने इस बारे में कुछ नहीं कहा क्योंकि तालिबान ने परिजनों को धमकी दी थी. 

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अफगानिस्तान में जब अशरफ गनी की सरकार थी, उससे पहले महजबीन ने काबुल के लोकल क्लब में हिस्सा लिया था. वह क्लब की स्टार प्लेयर थी, कुछ दिन पहले उनकी लाश की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी. 

'कुछ ही प्लेयर देश में रह गए थे'

टीम के कोच के मुताबिक, अगस्त में जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया तब टीम की एक-दो सदस्य ही देश से बाहर निकल पाई थी. महजबीन बाहर निकलने में नाकाम रही थी, जिसका खामियाजा उसे अपनी जान देकर भुगतना पड़ा.  

तालिबान ने सत्ता में आने के बाद से ही महिलाओं के हक को दबाया है, अफगानिस्तान में हर तरह का खेल संकट से जूझ रहा है. टीम के कोच के मुताबिक, इस वक्त महिला खिलाड़ियों का सबसे ज्यादा बुरा हाल है, क्योंकि उन्हें देश छोड़ना पड़ रहा है, वरना छुपकर रहना पड़ रहा है.

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बता दें कि कुछ वक्त पहले ही फीफा ने अफगानिस्तान के कई पुरुष एवं महिला खिलाड़ियों और उनके परिजनों को सुरक्षित बाहर निकाला था. काबुल से इन सभी को कतर ले जाया गया था, ताकि वह सुरक्षित रह पाएं.

तालिबान ने सत्ता में आने के बाद से ही महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए थे. कॉलेज जाने, लड़कों के साथ पढ़ने, नौकरी पर जाने समेत कई क्षेत्रों में महिलाओं पर प्रतिबंध लगाए गए थे, इन्हीं की तरह किसी तरह के खेल में हिस्सा लेना भी निशाने पर रहा.  


 

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