Neeraj Chopra Diamond League Final 2025: नीरज चोपड़ा ने माना कि वह अभी भी अपनी टेक्निक से पूरी तरह खुश नहीं हैं. मई में नीरज ने दोहा डायमंड लीग में 90 मीटर से ज्यादा (90.23 मीटर) का थ्रो फेंका था.
पर, स्टार जैवलिन थ्रोअर का मानना है कि यह उनके हिसाब से "परफेक्ट" नहीं था. दो बार के 27 वर्षीय ओलंपिक मेडलिस्ट नीरज ने 16 मई को सीजन का पहला मुकाबला खेलते हुए 90.23 मीटर भाला फेंका और लंबे समय से चली आ रही 90 मीटर की दूरी पार की थी. नीरज चोपड़ा आज (28 अगस्त) को स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में डायमंड लीग फाइनल में खेलने उतरेंगे.
नीरज का कहना है कि वह अभी भी सीखने के प्रोसेस में हैं और अपनी टेक्निक को बेहतर बना रहे हैं. इसके लिए वह अपने कोच और दिग्गज खिलाड़ी जान जेलेजनी से लगातार सीख रहे हैं. नीरज चोपड़ा ने अपनी टेक्निक पर बात करते हुए बुधवार को ज्यूरिख में नीरज कहा- मुझे लगता है कि मेरी रन-अप काफी तेज है, लेकिन अभी मैं उस स्पीड का सही इस्तेमाल नहीं कर पा रहा हूं ताकि भाला और दूर जा सके. दोहा में 90 मीटर का थ्रो अच्छा था, लेकिन तकनीकी रूप से मैं नहीं कहूंगा कि वह परफेक्ट था.
उन्होंने आगे कहा- अगर मेरा बायां पैर सीधा रहे और मैं सही ब्लॉक कर पाऊं, तो थ्रो और बेहतर होगा. तब मुझे अपनी स्पीड का पूरा फायदा मिलेगा और मैं संतुष्ट रहूंगा."इस दौरान अमेरिका की डिस्कस थ्रो स्टार वैलेरी ऑलमैन भी मौजूद थीं.
नीरज ने इस दाैरान यह भी कहा कि उनका अब 90 मीटर का बैरियर पार कर चुके हैं, लेकिन अब उनका टारगेट इससे भी ज्यादा फेंकना चाहता हूं. क्योंकि उनसे अक्सर 2018 के बाद यही सवाल पूछा जाता था कि वो 90 मीटर का बैरियर कब पार करुंगा.
तो क्या 92 मीटर फेंक सकते हैं नीरज
सवाल जवाब के दौर में जब मॉडरेटर ने कहा कि शायद नीरज यह इशारा कर रहे हैं कि वह गुरुवार को बेहतर तकनीक के साथ 92 मीटर तक भाला फेंक सकते हैं, तो नीरज ने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया- जैवलिन में कुछ कहा नहीं जा सकता, कभी चार-पांच मीटर कम भी हो सकता है.
नीरज की डायमंड लीग में किन खिलाड़ियों से टक्कर
दो बार के ओलंपिक मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा इस बार डायमंड लीग ट्रॉफी दोबारा जीतने की कोशिश करेंगे. उन्होंने यह खिताब 2022 में जीता था, लेकिन 2023 और 2024 में उपविजेता रहे थे.फाइनल में मुकाबला कड़ा होने वाला है,
जहां नीरज का सामना डिफेंडिंग चैम्पियन ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स और जर्मनी के जूलियन वेबर से होगा. फाइनल में कुल सात खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. केन्या के 2015 वर्ल्ड चैम्पियन जूलियस येगो, त्रिनिदाद और टोबैगो के केशॉर्न वॉलकॉट और मोल्डोवा के एंड्रियन मार्डारे ने पॉइंट्स टेबल में टॉप-6 में रहकर फाइनल में जगह बनाई है. वहीं मेजबान देश स्विट्ज़रलैंड से साइमन वीलैंड को भी एंट्री दी गई है.
डायमंड लीग फाइनल 28 अगस्त को स्थानीय समयानुसार शाम 7:45 बजे शुरू होगा, जो भारत में रात 11:15 बजे होगा.
दोहा डायमंड लीग में क्या हुआ था?
दोहा में नीरज चोपड़ा ने 90 मीटर का आंकड़ा पार किया था, लेकिन वह जर्मनी के जूलियन वेबर से पीछे रहकर दूसरे स्थान पर रहे थे. इसके बाद 20 जून को पेरिस लेग में नीरज ने 88.16 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड जीता, जबकि वेबर 87.88 मीटर फेंककर दूसरे स्थान पर रहे. नीरज का आखिरी टूर्नामेंट 5 जुलाई को बेंगलुरु में हुआ एनसी क्लासिक था, जिसे उन्होंने खुद होस्ट किया और 86.18 मीटर के थ्रो के साथ जीत दर्ज की.
जैवलिन फेंकते हुए क्या चीजें रहती हैं अहम, नीरज ने बताया
हवा के असर पर बात करते हुए नीरज चोपड़ा ने कहा- यह इस पर निर्भर करता है कि खिलाड़ी हवा का इस्तेमाल कैसे करता है. अगर टेल विंड (पीछे से आने वाली हवा) हो तो अच्छा होता है. अगर थ्रो सही लाइन में और थोड़ा ऊपर फेंका जाए, तो यह काफी मदद करता है.
लेकिन अगर कोई नीचे की तरफ फेंके तो फायदा नहीं होता. वहीं हेडविंड (सामने से आने वाली हवा) हमारे लिए मुश्किल होती है, क्योंकि हमें तेज दौड़ना पड़ता है. अगर कोई थोड़ी ऊंचाई पर फेंके तो थ्रो अच्छा दिखता है. दोहा में हवा मददगार रही.
ज्यूरिख में कैसा रहेगा मौसम?
ज्यूरिख में गुरुवार को मौसम बदला-बदला रहेगा और बारिश की भी संभावना है. इस पर नीरज ने कहा- 28 अगस्त को मौसम अच्छा न भी हो, बारिश भी हो सकती है. लेकिन ये सबके लिए बराबर है और हमें मानसिक रूप से मजबूत रहना होगा, क्योंकि ऐसे हालात में खेलना कठिन होता है. मुझे हर कंडीशन में अच्छा फेंकना पसंद है.
वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्ड जान जेलेजनी हैं नीरज के कोच
नीरज ने फरवरी 2025 से अपने कोच और व रिकॉर्ड होल्डर जान जेलेजनी के साथ ट्रेनिंग शुरू की. उन्होंने कहा, "मैंने उनसे सीखा कि दबाव में भी कैसे शांत रहना है और लगातार अच्छा प्रदर्शन करना है. उन्होंने 90 मीटर से ज्यादा दूरी 50 बार से ज्यादा फेंकी है, वो सच में अलग ही स्तर पर थे.
उन्होंने हमेशा कहा कि उनकी सबसे बड़ी ताकत उनकी तकनीक है. तकनीकी तौर पर मैं अभी उनके स्तर पर नहीं हूं, इसलिए लगातार सुधार की कोशिश कर रहा हूं. लेकिन खिलाड़ी या कोच से ज्यादा वो एक अच्छे इंसान हैं और हमेशा मेरी मदद करते हैं. मैं उनसे बहुत कुछ सीखने की कोशिश करता हूं.
भारत में जैवलिन की लोकप्रियता
नीरज ने कहा कि जैवलिन अब पूरी दुनिया का खेल बन चुका है और भारत में भी इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है. भारत में हमने जब इवेंट किया और 15,000 लोग सिर्फ जैवलिन देखने आए, तो मुझे बहुत खुशी हुई. अब भारत में बच्चे भी भाला फेंक रहे हैं, ये अच्छी बात है. पहले लोग जैवलिन के बारे में जानते भी नहीं थे. मैं एक छोटे से गांव से आया हूं और अब यहां हूं. मुझे खुशी है कि मैंने एथलेटिक्स में सुधार लाने में योगदान दिया.
aajtak.in