Indonesia Football Match Tragedy: खेल जगत के लिए इंडोनेशिया से एक बेहद ही बुरी खबर सामने आई. यहां शनिवार को ईस्ट जावा के केपंजेन शहर में एक फुटबॉल मैच खेला गया, जिसमें भगदड़ मच गई और सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवा दी.
दरअसल, यह दर्दनाक हादसा घरेलू फुटबॉल टूर्नामेंट में हुआ. इसमें पेरसेबाया सुराबाया (Persebaya Surabaya) और अरेमा फुटबॉल क्लब (Arema football club) के बीच मैच खेला गया. मैच में पेरसेबाया ने दो दशक में पहली बार अरेमा को हराया.
फैन्स का उपद्रव, मची भगदड़ और 174 लोगों की मौत
मुकाबले को देखने के लिए करीब 40 हजार दर्शक स्टेडियम पहुंचे थे. मैच में पेरसेबाया ने अरेमा को 3-2 से हरा दिया. इसके बाद फैन्स ने स्टेडियम में ही उपद्रव मचाना शुरू कर दिया और फिर भगदड़ मच गई.
ईस्ट जावा के डिप्टी गवर्नर ने बताया कि इस हादसे में अब तक 174 लोगों की मौत हो चुकी है. पुलिस ने अपनी पूरी ताकत लगाते हुए स्थिति को कंट्रोल करने की कोशिश की और खिलाड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाला. मगर यहां लोगों को बता दें कि खेल जगत में यह पहली बार नहीं है, जब किसी मैच में भगदड़ मची हो या कोई हादसा हुआ हो, जिसमें फैन्स ने जान गंवाई हैं. इससे पहले भी कई बार ऐसे दुखद हादसे हो चुके हैं. आइए एक नजर डालते हैं ऐसे ही बड़े हादसों पर...
खेल जगत में हुए पिछले 4 बड़े हादसे...
1964 में हुआ था बड़ा हादसा. तब पेरू की राजधानी लीमा में ओलंपिक का क्वालिफायर मैच खेला गया था. यह मैच पेरू और अर्जेंटीना के बीच हुआ था. इस फुटबॉल मैच में भी भगदड़ मचने वाली घटना हुई थी, जिसमें 320 लोगों ने जान गंवाई थी. तब करीब एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
1985 में यूरोपियन कप का फाइनल मैच खेला गया था. इस मुकाबले में इंग्लैंड का फुटबॉल क्लब लीवरपुल और इटली का क्लब युवेंटस आमने-सामने थे. इस मैच के दौरान एक दीवार गिर गई थी. उसी वजह से भगदड़ भी मच गई थी. तब उस हादसे में 39 लोगों की जान गई थी और 600 घायल हुए थे. यह हादसा बेल्जियम के ब्रुसेल्स में हुआ था.
15 अप्रैल 1989, लीवरपुल और नॉटिंघम फॉरेस्ट के बीच एफए कप का सेमीफाइनल मुकाबला खेला जा रहा था. शेफील्ड में खेले गए इस फुटबॉल मैच के दौरान ही भगदड़ मची, जिसमें लिवरपुल के 97 फैन्स की मौत हुई थी.
9 मई 2001, घाना की राजधानी अक्करा में Kumasi Asante Kotoko और Accra Hearts of Oak के बीच फुटबॉल मैच खेला गया था. इसी दौरान फैन्स के बीच भगदड़ मच गई थी. उस वक्त भी पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे. उसके बाद हादसे में 127 लोगों की जान चली गई थी.
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