D Gukesh, World Chess Championships: 18 साल के डी गुकेश ने रचा इतिहास... चेस के नए वर्ल्ड चैम्पियन बने, चीन की बादशाहत खत्म

World Chess Championships: वर्ल्ड चेस चैम्पियन 2024 का फाइनल मुकाबला गुरुवार को सिंगापुर में खेला गया. इस मुकाबले में भारत के डी गुकेश की टक्कर डिफेंडिंग चैम्पियन चीनी चेस मास्टर डिंग लिरेन से थी. काले मोहरों से खेलते हुए डी गुकेश ने 14वीं बाजी में डिंग लिरेन को करारी शिकस्त दी और खिताब पर कब्जा जमाया.

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वर्ल्ड चेस चैम्पियन डी गुकेश. वर्ल्ड चेस चैम्पियन डी गुकेश.

aajtak.in

  • सिंगापुर,
  • 12 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:43 PM IST

D Gukesh, World Chess Championships: भारत के डी गुकेश ने शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया है. वो चेस के नए और सबसे युवा वर्ल्ड चैम्पियन बन गए हैं. उन्होंने चीन की बादशाहत खत्म कर दी है. डोम्माराजू गुकेश ने एक रिकॉर्ड के मामले में पूर्व भारतीय चेस मास्टर विश्वनाथन आनंद की भी बराबरी कर ली है.

दरअसल, वर्ल्ड चेस चैम्पियन 2024 का फाइनल मुकाबला गुरुवार को सिंगापुर में खेला गया. इस अहम मुकाबले में डी गुकेश की टक्कर डिफेंडिंग चैम्पियन और चीन के चेस मास्टर डिंग लिरेन (Ding Liren) से थी. खिताबी मुकाबले में डी गुकेश ने 14वीं बाजी में डिंग लिरेन को करारी शिकस्त दी और खिताब पर कब्जा जमाया.

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विश्वनाथन के क्लब में भी शामिल हुए गुकेश

डिंग लिरेन के खिलाफ डी गुकेश काले मोहरों के साथ मुकाबला खेले थे. पूरे मैच में भारतीय युवा ने अपना जोरदार खेल दिखाया और हर बाजी में चीनी प्लेयर पर भारी पड़े. आखिर में डी गुकेश ने चीन की बादशाहत खत्म की और वो नए वर्ल्ड चेस चैम्पियन बने.

इस धांसू जीत के साथ ही 18 साल के डी गुकेश अब शतरंज की दुनिया के सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चैम्पियन बन गए हैं. साथ ही वो एक रिकॉर्ड के मामले में विश्वनाथन आनंद के क्लब में भी शामिल हो गए हैं. दरअसल, गुकेश वर्ल्ड चेस चैम्पियन बनने वाले भारत के दूसरे प्लेयर बन गए हैं. जबकि विश्वनाथन पहले भारतीय हैं. 5 बार के वर्ल्ड चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने अपना आखिरी खिताब 2013 में जीता था.

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गुकेश का दबाव और डिंग लिरेन ने कर दी गलती

दरअसल, इस खिताबी मुकाबले में चीन के डिंग लिरेन पर डी गुकेश किस कदर भारी पड़े इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि एक समय यह मुकाबला टाईब्रेक की ओर जा रहा था. मगर उस मुश्किल स्थिति में भी गुकेश ने कॉन्फिडेंस दिखाया और अपनी कोशिशें जारी रखीं.

इसका नतीजा यह हुआ कि डिंग लिरेन दबाव में आए और उन्होंने एक बेहद बड़ी गलती कर दी. फिर क्या था, इसका फायदा तुरंत गुकेश ने उठाया. उन्होंने इस दिमागी खेल में डिंग लिरेन को चारों खाने चित करते हुए मैच और ताज दोनों छीन लिए. गुकेश ने इस निर्णायक मैच की आखिरी क्लासिकल बाजी जीतकर लिरेन के 6.5 पॉइंट्स के मुकाबले जरूरी 7.5 अंक हासिल किए और खिताब जीता. 

इस जीत के साथ ही अब शतरंज की दुनिया को नया और सबसे युवा चैम्पियन मिल गया है. गुकेश  से पहले रूस के दिग्गज गैरी कास्पारोव सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चेस चैम्पियन थे, जिन्होंने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर 22 साल की उम्र में खिताब जीता था.

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