भारत को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी का अधिकार लगभग एक महीने पहले ही मिलना तय माना जा रहा था और अब बुधवार को ग्लासगो में होने वाली कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स जनरल असेम्बली में इस बोली को औपचारिक मंजूरी मिलने जा रही है. यह भारत की उस महत्वाकांक्षी योजना में बड़ा कदम है जिसके तहत वह एक ग्लोबल मल्टी-स्पोर्ट हब बनना चाहता है.
भारत ने आखिरी बार 2010 में दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी. इस बार ये आयोजन अहमदाबाद में होगा, जहां पिछले एक दशक में स्पोर्ट्स इंफ्रा को तेज गति से विकसित किया गया है. बुधवार (26 नवंबर) की जनरल असेंबली में कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स बोर्ड की उस सिफारिश पर मोहर लगाई जाएगी जो मूल्यांकन समिति की रिपोर्ट के आधार पर बनाई गई थी. समिति ने तकनीकी क्षमता, एथलीट अनुभव, इंफ्रास्ट्रक्चर, गवर्नेंसऔर कॉमनवेल्थ स्पोर्ट वैल्यू के अनुरूपता जैसे पैरामीटर देखे थे.
2030 की कॉमनवेल्थ बोली में भारत का मुकाबला नाइजीरिया के शहर अबुजा से था, लेकिन कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने अफ्रीकी देश को 2034 एडिशन के लिए विचार में रखने का फैसला किया और वहां की मेजबानी क्षमता को मजबूत करने की रणनीति पर काम शुरू किया.कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के बयान के अनुसार, जनरल असेंबली में भारत अपनी प्रजेंटेशन देगा, जिसमें अहमदाबाद में होने वाले गेम्स की विजन पेश की जाएगी. मंजूरी के बाद एक 'यूनिक ब्रॉडकास्ट मोमेंट' भी देखने को मिलेगा.
औपचारिक घोषणा शाम करीब 6.30 बजे (IST) होने की उम्मीद है. भारत की ओर से इस बैठक में संयुक्त सचिव (स्पोर्ट्स) कुनाल, IOA अध्यक्ष पी टी ऊषा, और गुजरात के खेल मंत्री हर्ष संघवी मौजूद रहेंगे.
2010 दिल्ली गेम्स पर करीब 70,000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जो शुरुआती अनुमान 1,600 करोड़ रुपये से कई गुना अधिक था. कॉमनवेल्थ गेम्स को पिछले कुछ वर्षों से प्रासंगिक बनाए रखना और मेजबान ढूंढ़ना चुनौती भरा रहा है. इस आयोजन में 72 देशों के खिलाड़ी भाग लेते हैं, जिनमें ज्यादातर पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश शामिल हैं.
2030 की मेजबानी मिलना भारत के 2036 ओलंपिक आयोजन के सपने की दिशा में भी बड़ी उपलब्धि होगी, जिसे अहमदाबाद में कराने का प्रस्ताव है. कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के अंतरिम अध्यक्ष डॉ. डोनाल्ड रुकरे ने कहा था कि भारत और नाइजीरिया दोनों के प्रस्ताव प्रेरणादायक थे, लेकिन 2030 की मेजबानी के लिए अहमदाबाद अधिक उपयुक्त पाया गया.
हाल के महीनों में अहमदाबाद ने कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप, एशियन एक्वाटिक्स चैंपियनशिप और AFC U-17 एशियन कप क्वालिफायर्स जैसे आयोजन कराए हैं. आने वाले समय में यहां एशियन वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप, एशिया पैरा-आर्चरी कप और 2029 वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स भी होंगे. सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव में एक विशाल परिसर विकसित किया जा रहा है, जिसमें विश्व की सबसे बड़ी नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम के साथ एक्वाटिक्स सेंटर, फुटबॉल स्टेडियम और इनडोर एरिनाज तैयार होंगे. 3,000 एथलीटों के लिए एथलीट विलेज भी इसी परिसर में बनाया जाएगा.
2026 कॉमनवेल्थ से भारत के कई खेल हटे
2026 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स का बजट सीमित रखा गया है और सिर्फ 10 खेल शामिल किए गए हैं. इसमें कुश्ती, शूटिंग, बैडमिंटन और हॉकी जैसे खेलों को हटा दिया गया है, जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया था. लेकिन IOA ने स्पष्ट किया है कि भारत 2030 गेम्स में अपने सभी पदक देने वाले खेलों को शामिल करेगा. IOA संयुक्त सचिव कल्याण चौबे ने कहा था कि शूटिंग, कुश्ती, तीरंदाजी जैसे खेलों के साथ कबड्डी और खो-खो जैसे पारंपरिक खेलों को भी जोड़ने की योजना है.
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला राष्ट्र है, जिसका खेलों में समृद्ध इतिहास है और हाल के CWG आयोजन में भी वह शानदार प्रदर्शन करता रहा है. अहमदाबाद की बोली भारत की प्रतिबद्धता, विविधता और आधुनिक खेलों के विशाल स्वरूप को दर्शाती है.
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