भारत के अनुभवी मुक्केबाज विजेंदर सिंह के पेशेवर सर्किट पर अश्वमेधी अभियान पर शुक्रवार को रोक लग गई. जिन्हें रूस के आर्टीश लोपसान ने ‘बैटल ऑफ शिप' मुकाबले में हरा दिया. बीजिंग ओलंपिक 2008 के कांस्य पदक विजेता विजेंदर 2015 में पेशेवर सर्किट में उतरे थे और तब से लगातार 12 मुकाबलों में जीत हासिल की थी.
अपना सातवां बाउट खेल रहे रूसी मुक्केबाज ने ‘मैजेस्टिक प्राइड कैसिनो’ जहाज पर हुए इस मुकाबले में जीत दर्ज करके स्थानीय दर्शकों का दिल तोड़ दिया. पांचवें दौर में एक मिनट और नौ सेकंड के बाद रेफरी ने रूसी मुक्केबाज को विजयी घोषित किया.
विजेंदर सिंह 10 अक्टूबर 2015 को पहली बार प्रोफेशनल बॉक्सिंग रिंग में उतरे थे. तब से 2019 तक उनकी जीत का सिलसिला चलता रहा. पिछले डेढ़ साल से वो कोरोना संकट की वजह से रिंग में नहीं उतरे थे.
इससे पहले बुधवार को विजेंदर ने साल्वाडोर-डू-मुंडो बाक्सिंग हॉल में मित्र और कोच जय भगवान के साथ ‘स्पारिंग’ (किसी दूसरे के साथ अभ्यास करना) की.
विजेंदर ने कहा था, ‘वह लंबा है और मैं शुरू में धीरे-धीरे आगे बढ़ूंगा, लेकिन मुझे भरोसा है कि मैं उसे हरा दूंगा. लंबाई ही सब कुछ नहीं होती और मुक्केबाजी में आपको मजबूती और रणनीति की जरूरत होती है. मेरे पास अनुभव है और लोपसान अब भी इस लिहाज से बच्चा है. 19 मार्च के बाद भी मेरा रिकॉर्ड (नहीं हारने का) जारी रहेगा. प्रतिद्वंद्वी जितना मुश्किल हो, उसे हराने में उतना ही मजा आता है.’
लोपसान 6 फुट 4 इंच लंबे हैं और पेशेवर मुक्केबाज के तौर पर उन्होंने पिछले छह मुकाबलों में से चार में जीत हासिल की थी, जिसमें से दो नॉकआउट थी, जबकि उन्हें एक में हार मिली और एक ड्रॉ रहा था.
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