Turkish Super Cup final postponed amid row: सऊदी अरब की राजधानी रियाद में शुक्रवार को गैलाटसराय और फेनरबाश के बीच खेला जाने वाला टर्किश सुपर कप फाइनल (Turkish Super Cup final) स्थगित कर दिया गया. दरअसल यह पूरा माजरा राजनीतिक नारे वाली टीशर्ट पहनने को लेकर सामने आया. एक क्लब के खिलाड़ी चाहते थे कि वो राजनैतिक नारेबाजी वाली टीशर्ट पहनें.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस्तांबुल की इन दो टीमों की इच्छा थी कि वे शाम के किक-ऑफ से पहले वार्म-अप के दौरान आधुनिक तुर्की के संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क( Mustafa Kemal Ataturk) की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहनें.
वहीं तुर्की मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया है सऊदी अधिकारियों ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया. हालांकि यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई कि ऐसा क्यों हुआ है. जिसके बाद इन फुटबॉल क्लबों ने अल-अव्वल पार्क स्टेडियम (किंग सऊद यूनिवर्सिटी) में सुपर कप फाइनल में खेलने से इनकार कर दिया.
क्यों हुआ फुटबॉल मैच कैंसिल, जानें वजह
सऊदी स्टेट टीवी ने रियाद सीजन के आयोजकों के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि फाइनल को रद्द करना टीमों द्वारा मैच नियमों का पालन नहीं करने के कारण हुआ.
इस बयान में कहा गया, 'इंटरनेशनल फुटबॉल रूल्स के अनुसार मैच को समय पर आयोजित करने की उम्मीद कर रहे थे, जिसमें किसी भी तरह के नारेबाजी की मनाही है, जबकि इसके बारे में तुर्की फुटबॉल महासंघ के साथ चर्चा की गई थी.' बयान में आगे कहा गया कि इस एग्रीमेंट (समझौते) के बावजूद, दोनों टीमों ने इसका पालन नहीं किया, जिसके कारण मैच नहीं हो सका.
फुटबॉल क्लब की भी आई सफाई
दोनों टीमों और तुर्की फुटबॉल फेडरेशन (TFF) की भी इस मामले में सफाई आई. एक संयुक्त बयान में X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा गया कि एक संयुक्त निर्णय के परिणामस्वरूप फाइनल को कुछ दिक्कतों के कारण बाद की तारीख के लिए स्थगित कर दिया गया है. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि फाइनल कब और कहां खेला जाएगा. इस बयान में सऊदी अरब के फुटबॉल महासंघ और अधिकारियों को इस कार्यक्रम के आयोजन के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया गया.
ऐसी भी मीडिया रिपोर्टें थीं कि फाइनल में तुर्की के राष्ट्रगान और ध्वज को अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन TFF ने पहले कहा था कि वे टूर्नामेंट में शामिल होंगे.
तुर्की और सऊदी अरब में चल रही है तल्खी
यह घटना तुर्की और सऊदी अरब के बीच हाल ही में संबंधों में आई गर्माहट के तौर पर देखी जा रही है. 2018 में इस्तांबुल में सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद खराब हुए संबंधों को सुधारने के प्रयासों के बीच तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने जुलाई में सऊदी अरब का दौरा किया था.
अब इस फाइनल के रद्द होने से तुर्की फ़ुटबॉल के लिए विवादों वाला महीना बन गया है. दरअसल, टॉप टियर क्लब अंकारागुकु के अध्यक्ष फारुक कोका को एक मैच के अंत में रेफरी के चेहरे पर मुक्का मारने के आरोप में 12 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था. तब TFF ने कोका पर स्थायी प्रतिबंध लगाया और अंकारागुकु पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.
हिंसा के कारण तुर्की लीग को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था, इसके बाद जब इसकी दोबारा शुरुआत हुई तो ट्रैबजोनस्पोर के खिलाफ सुपर लिग गेम में रेफरी के फैसले के विरोध में इस्तांबुलस्पोर मैदान से बाहर चला गए, इसके बाद मैच को रद्द कर दिया गया.
कौन थे मुस्तफा कमाल अतातुर्क
मुस्तफा कमाल अतातुर्क जिनकी टीशर्ट को पहनने को लेकर विवाद हुआ, उनको मुस्तफा कमाल पाशा, गाजी मुस्तफा कमाल उपनाम से भी जाना जाता था. वह तुर्की के क्रांतिकारी राजनेता रहे. वह 1923 से 1938 तक तुर्की के पहले राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत रहे. उन्होंने तुर्की में कई व्यापक प्रगतिशील सुधार किए.
जिसने तुर्की को एक धर्मनिरपेक्ष, औद्योगिकीकरण राष्ट्र में तब्दील कर दिया. वो वैचारिक रूप से एक धर्मनिरपेक्षतावादी और राष्ट्रवादी रहे. उनकी नीतियों और सामाजिक-राजनीतिक सिद्धांतों को 'केमलवाद' के रूप में जाना जाने लगा. अपनी सैन्य और राजनीतिक उपलब्धियों के कारण अतातुर्क को 20वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक नेताओं में से एक माना जाता है.
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