ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉल खिलाड़ी रयान विलियम्स ने ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता छोड़कर भारतीय पासपोर्ट अपना लिया है. जिससे अब भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में उनके चयन का रास्ता साफ हो गया है. ध्यान रहे रयान की मूल जिनकी जड़ें मुंबई से जुड़ी एंग्लो-इंडियन परिवार से हैं,
2023 में बेंगलुरु FC से जुड़ने वाले विलियम्स पहले इंग्लैंड के क्लब पोर्ट्समाउथ और फुलहम के लिए खेल चुके हैं. उन्होंने 2013 अंडर-20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया था.
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वह सीनियर स्तर पर साउथ कोरिया के खिलाफ एक फ्रेंडली मैच में भी ऑस्ट्रेलिया (सॉकरूज) के लिए खेले थे. हालांकि, पर्थ ग्लोरी के साथ कई साल बिताने के बाद उन्हें अपने भारतीय मूल से गहरा जुड़ाव महसूस हुआ.
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अब 32 साल के विलियम्स इसी महीने AFC एशियन कप 2027 क्वालिफायर्स में बांग्लादेश के खिलाफ भारत के लिए डेब्यू कर सकते हैं. उनके लिए यह अपने मूल की ओर वापसी जैसा है. उनके नाना लिंकन एरिक ग्रोस्टेट मुंबई के प्रसिद्ध फुटबॉलर थे, जिन्होंने टाटा टीम के लिए खेला था और 1956 संतोष ट्रॉफी फाइनल में बॉम्बे का प्रतिनिधित्व किया था, जहां उनकी टीम का मुकाबला सैयद रहीम की हैदराबाद टीम से हुआ था.
वर्तमान में बेंगलुरु FC के कप्तान रयान विलियम्स जापान में जन्मे इज़ुमी अराता (2012) के बाद भारत की नागरिकता लेकर सीनियर स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने वाले केवल दूसरे पेशेवर खिलाड़ी बन गए हैं.
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