पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट टीम के धाकड़ फील्डरों में शुमार रहे हैं. युवराज सिंह ने अपने पूर्व साथी मोहम्मद कैफ के साथ इंस्टाग्राम पर लाइव चैट में खुलासा किया कि शुरुआती दिनों में उनकी फील्डिंग अच्छी नहीं थी और उनके पिता का उन्हें बेहतर फील्डर बनाने में बड़ा रोल रहा है.
पिता ने बेहतर फील्डर बनाया
युवराज ने अपनी फील्डिंग को लेकर बताया कि वह कैसे अच्छे फील्डर बने. युवराज ने कहा, मैं काफी तेज था, लेकिन फील्डिंग का आइडिया नहीं था. मेरे अपने पहले रणजी मैच में मैं 15-16 साल का था और मैंने खराब फील्डिंग की. अगले दिन अखबार में आर्टिकल आया जिसमें लिखा था गेटवे ऑफ इंडिया.
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युवराज ने कहा, मेरे पिताजी ने यह पढ़ा और कहा कि अब मैं देखता हूं कि तू कैसे फील्डिंग नहीं सुधारता. वहां से मैं बेहतर होता चला गया.
IPL में खिलाड़ी पर मोटी रकम का दबाव
इसके अलावा युवराज ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में महंगा बिकने वाला खिलाड़ी मोटी रकम का दबाव तब महसूस करता है जब वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता और लोग उसके बारे में नकारात्मक बातें करने लगते हैं कि इस पर लगा इतना पैसा बर्बाद गया.
युवराज के नाम अभी भी आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी का रिकॉर्ड है. युवराज को दिल्ली की फ्रेंचाइजी ने 2015 में 16 करोड़ रुपये में खरीदा था. युवराज का वो आईपीएल अच्छा नहीं रहा था. उस साल उन्होंने 14 मैचों में 248 रन ही बनाए थे.
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युवराज ने लाइव चैट में कहा, 'दबाव का कारण मोटी रकम होती है. मैं यह नहीं कहूंगा कि यह खिलाड़ी को बदल देती है. आप जब सफलता की सीढ़ी चढ़ लेते हो तो लोग आपको नीचे खींचने लगते हैं.
उन्होंने कहा, प्वाइंट यह है कि. दबाव रहता है, क्योंकि जब आप आउट हो जाते, अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते तो लोग कहने लगते हैं कि इसको इतना पैसा मिला और यह अच्छा नहीं कर रहा है. नकारात्मक खबरें ज्यादा बिकती हैं और यह आपको प्रभावित करती हैं. सारे युवाओं को मेरी सलाह है कि टीवी और अखबारों से दूर रहें.
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