भारत की मिट्टी, स्पिन की चुनौती... 8 नए चेहरों के साथ साउथ अफ्रीका की 'अग्निपरीक्षा'

साउथ अफ्रीका की टीम भारत दौरे पर एक बार फिर बड़ी परीक्षा से गुजरने जा रही है. पिछले दो दौरों (2015 और 2019) में वे न तो स्पिन का सामना कर पाए, न ही हालात का. कोच शुकरी कॉनराड ने टीम में मजबूती तो भर दी है... लेकिन यहां चुनौती नई है- 8 खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने कभी भारत में टेस्ट नहीं खेला.

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डेवाल्ड ब्रेविस और रयान रिकेल्टन से साउथ अफ्रीका को उम्मीद. (Photo Getty) डेवाल्ड ब्रेविस और रयान रिकेल्टन से साउथ अफ्रीका को उम्मीद. (Photo Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST

भारत का दौरा कभी भी आसान नहीं रहा और साउथ अफ्रीका के लिए तो यह मानो एक अग्निपरीक्षा जैसा है. पिछले दो दौरे इसका सबूत हैं- 2015 और 2019 दोनों बार अफ्रीकी टीम न तो स्पिन से जूझ सकी, न हालात से. 2015 में नौ साल पुराना उनकी विदेशी धरती पर जीत का सिलसिला टूट गया और 2019 में टीम बिना स्थायी कोच और प्रशासकीय उथल-पुथल के बीच भारत आई थी- परिणाम वही हुआ, हार और निराशा. मौजूदा 2 टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट 14 नवंबर से कोलकाता में खेला जाएगा. 

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लेकिन छह साल में तस्वीर बदल चुकी है. अब शुकरी कॉनराड (Shukri Conrad) की कोचिंग में साउथ अफ्रीकी टीम फिर से खड़ी हो चुकी है. अनुभव भले कम हो, पर टीम में आत्मविश्वास और दमखम दोनों हैं. जनवरी 2023 में कॉनराड के आने के बाद से अफ्रीका ने पूरी ताकत के साथ खेलते हुए कोई टेस्ट सीरीज नहीं हारी है. सिर्फ न्यूजीलैंड दौरे पर (2024 में), जब मुख्य खिलाड़ी SA20 लीग के कारण उपलब्ध नहीं थे, उन्हें हार झेलनी पड़ी. इस बार उन्हें लगता है कि 2000 के बाद भारत में सीरीज जीतने का यह सबसे सुनहरा मौका है.

नई पीढ़ी, नया मिशन

इस टीम में 8 खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने कभी भारत में टेस्ट नहीं खेला. कप्तान टेम्बा बावुमा, ओपनर ऐडन मार्करम और तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा जैसे अनुभवी नामों के साथ कई नए चेहरे भी हैं, जो पहली बार उपमहाद्वीपीय धरती पर टेस्ट क्रिकेट खेलने उतरेंगे.

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जुबैर हम्जा, सेनुरन मुथुसामी और साइमन हार्मर पहले भारत दौरे का हिस्सा रह चुके हैं, जबकि बाकी खिलाड़ियों के लिए यह बिल्कुल नई चुनौती है.

1. रयान रिकेल्टन– धैर्य की परीक्षा

आईपीएल 2025 में मुंबई इंडियंस के लिए शानदार प्रदर्शन करने के बाद रयान रिकेल्टन (Ryan Rickelton) अब लाल गेंद से अपनी परीक्षा देंगे. 14 मैचों में तीन अर्धशतक और 150 का स्ट्राइक रेट, लेकिन टेस्ट में बात अलग होती है. पिछले साल बांग्लादेश दौरे पर उन्होंने दो टेस्ट में सिर्फ 40 रन बनाए थे, पर इस साल पाकिस्तान में 71 रनों की लंबी पारी खेलकर दिखाया कि वे टिककर खेलने की क्षमता रखते हैं.

2. टोनी डी जॉर्जी – मौका मिला तो कमाल किया

डी जॉर्जी (Tony de Zorzi) को इस साल बावुमा की चोट के बाद मौका मिला और उन्होंने लाहौर में शतक जड़कर खुद को साबित किया. ये उनका दूसरा टेस्ट शतक था और दूसरा भी एशिया में. मजे की बात... उन्होंने अब तक भारत में किसी भी प्रारूप में एक भी मैच नहीं खेला है, फिर भी स्पिन खेलने की क्षमता उन्हें मजबूत दावेदार बनाती है.

3. डेवाल्ड ब्रेविस – वाइल्ड कार्ड एंट्री

‘बेबी एबी’ के नाम से मशहूर डेवाल्ड ब्रेविस (Dewald Brevis) भारत में पहले से पहचान बना चुके हैं, लेकिन अब वे खुद को साबित करना चाहते हैं. दो आईपीएल सीजन में औसत प्रदर्शन के बाद चेन्नई सुपर किंग्स से खेलते हुए दो अर्धशतक लगाए. पाकिस्तान में उन्होंने दो ‘डक’ के बीच एक 54 रनों की तेज पारी खेली. टीम उन्हें एक ऐसे बल्लेबाज के रूप में देखती है जो एक सत्र में मैच पलट सकता है.

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4. ट्रिस्टन स्टब्स – जगह की जंग

आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के लिए औसत प्रदर्शन (14 मैच, 300 रन) के बावजूद स्टब्स (Tristan Stubbs) को मौका मिल रहा है. बांग्लादेश और इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने फिफ्टी लगाई और एक टेस्ट शतक भी जड़ा. दिक्कत सिर्फ यही है कि टीम उन्हें किस नंबर पर खिलाएगी- 3, 4 या 5? वे डी जॉर्जी और वियान मुल्डर से जगह के लिए भिड़ रहे हैं.

5.  काइल वेरेने – स्पिन का उस्ताद

स्पिन खेलने में माहिर वेर्रायने (Kyle Verreynne) के लिए यह सीरीज खास है. विकेटकीपर-बल्लेबाज के तौर पर वे पहली बार भारत में टेस्ट खेलेंगे. इंग्लैंड की काउंटी में और बांग्लादेश में उनके प्रदर्शन ने दिखाया कि वे परिस्थिति के हिसाब से ढलने वाले खिलाड़ी हैं. पिछले चक्र में उन्होंने सबसे ज़्यादा तीन शतक लगाए थे.

6. वियान मुल्डर - ‘यूटिलिटी’ खिलाड़ी

गेंदबाजी से लेकर कप्तानी तक मुल्डर (Wiaan Mulder) ने हर भूमिका निभाई है. 2019 में भारत ए दौरे पर वे टीम के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे. पिछले साल बांग्लादेश में शतक जड़कर उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की. भारत दौरे पर उनका रोल टीम के संतुलन पर निर्भर करेगा.

7. मार्को जानसेन– अग्निपरीक्षा का वक्त

2023 वर्ल्ड कप में भारत के खिलाफ जब उनका आत्मविश्वास टूटा था, उसके बाद जानसेन–(Marco Jansen) ने खुद को फिर से तैयार किया है. आईपीएल में वे साउथ अफ्रीका के सबसे सफल गेंदबाज रहे. बाएं हाथ की गति, आक्रामक रुख और लंबे शॉट्स – यही उनकी पहचान है. अब देखना है कि क्या वे वही प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट में दोहरा पाते हैं.

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8. कॉर्बिन बॉश – तेजी से उभरता नाम

देर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आए कॉर्बिन बॉश (Corbin Bosch) ने पिछले साल सभी प्रारूपों में डेब्यू किया और आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट पाया. 140 किमी/घंटा से ऊपर की रफ्तार, आत्मविश्वास से भरा रवैया और बल्ले से भी योगदान देने की क्षमता- यही वजह है कि उन्हें लुंगी एन्गिडी पर तरजीह दी गई. शायद उन्हें तुरंत जगह न मिले, लेकिन वे मजबूत बैकअप हैं।

नतीजा- भारत में ‘फेल या फेमस’?

साउथ अफ्रीका की यह नई टीम युवा है, जोश से भरी है, लेकिन भारत में सफलता का रास्ता सिर्फ जोश से नहीं, संयम और कौशल से तय होता है. ये दौरा सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि करियर का मोड़ साबित हो सकता है. इन 8 चेहरों के लिए भी और साउथ अफ्रीकी क्रिकेट के भविष्य के लिए भी.
 

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