South Africa T20 World Cup: हाय रे साउथ अफ्रीका की किस्मत... वर्ल्ड कप में बारिश भी बना देती है चोकर्स

साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम इन दिनों टी20 वर्ल्ड कप के लिए ऑस्ट्रेलिया में हैं. अफ्रीकी टीम अपने पहले मैच में जिम्बाब्वे को हराने के बेहद करीब थी, लेकिन बारिश के कारण मैच रद्द करना पड़ गया. यह पहली बार नहीं है, जब अफ्रीकी टीम के लिए बारिश विलेन बनी है. इससे पहले 1992 और 2003 वनडे वर्ल्ड कप में भी विलेन बनी थी...

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South Africa Cricket Team (@ProteasMenCSA) South Africa Cricket Team (@ProteasMenCSA)

aajtak.in

  • होबार्ट,
  • 25 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 4:26 PM IST

South Africa T20 World Cup 2022: क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जिसमें कब क्या हो जाए कोई कह नहीं सकता है. इस खेल का जनक इंग्लैंड को माना जाता है, लेकिन उसे भी अपना पहला वनडे वर्ल्ड कप जीतने के लिए 44 साल तक इंतजार करना पड़ा. मगर साउथ अफ्रीका एक ऐसी टीम रही है, जो वर्ल्ड कप में चोकर्स मानी जाती है. 

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वह इसलिए, साउथ अफ्रीका हमेशा से ही शानदार टीम रही है. कई बार उसे वर्ल्ड कप का दावेदार भी माना गया है, लेकिन वह सेमीफाइनल से आगे ही नहीं बढ़ सकी है. अफ्रीकी टीम हर बार सेमीफाइनल में आकर ही चौकर्स हो जाती है. मगर हर बार खराब प्रदर्शन के कारण ऐसा नहीं होता है. कई बार तो बारिश भी दुश्मन बनी है.

टी20 वर्ल्ड कप में पहला मैच बारिश से रद्द

यानी जब भी साउथ अफ्रीका ने सेमीफाइनल में या टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है, तब बारिश विलेन बनी और अफ्रीका को हराकर बाहर कर दिया. यानी अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो बारिश चोकर्स बना देती है. इस बार अफ्रीका टीम टी20 वर्ल्ड कप के लिए ऑस्ट्रेलिया में हैं. यहां भी टीम अपने दो मैच बारिश के कारण गंवा चुकी है. हालांकि इनमें से एक वॉर्म-अप मैच था.

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साउथ अफ्रीका को ग्रुप-12 में अपना पहला मैच जिम्बाव्वे के खिलाफ 24 अक्टूबर को खेलना था. बारिश के कारण मैच को 7-7 ओवर का किया गया. तब जिम्बाब्वे ने पहले बैटिंग करते हुए 5 विकेट पर 79 रन बनाए. जबकि अफ्रीका ने 3 ओवर में ही 51 रन बना दिए थे. टीम यह मैच आसानी से जीतने के करीब थी, लेकिन बारिश आ गई और मुकाबला रद्द करना पड़ा. ऐसे में अफ्रीकी टीम के सामने सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाइ करने में मुश्किल आ सकती है.

वर्ल्ड कप में दो बार बारिश के कारण चोकर्स बन चुकी अफ्रीका टीम

सबसे पहले 1992 के वनडे वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच टक्कर थी. तब अफ्रीकी टीम को आखिरी 13 गेंदों पर 23 रनों की जरूरत थी. उस वक्त बारिश आ गई थी. तब मोस्ट प्रोडक्टिव ओवर मेथड नियम के चलते 1 बॉल पर 22 रन का टारगेट कर दिया गया. यह नामुमकिन था. इस तरह उस मैच में साउथ बारिश के कारण 19 रन से हार झेलनी पड़ी और फाइनल से चूक गई.

दूसरी बार 2003 के वनडे वर्ल्ड कप में हुआ. इस मैच में साउथ अफ्रीका आसानी के साथ श्रीलंका को हराने ही वाली थी कि बारिश ने एक बार फिर खलल डाल दी. इस वर्ल्ड कप तक डकवर्थ लुईस नियम आ गया था. मगर बारिश बंद ही नहीं हुआ, जिस कारण से मुकाबला रोकना पड़ा था. बाद में इस नियम के तहत मुकाबला टाई हो गया था. टाई मैच होने के चलते साउथ अफ्रीका टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी.

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