दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 से पिछड़ चुकी टीम इंडिया के प्रदर्शन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. पूर्व ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर ने टेस्ट टीम से भुवनेश्वर कुमार और अजिंक्य रहाणे को बाहर किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है. सेंचुरियन में खेले गए दूसरे टेस्ट से पहले कप्तान विराट कोहली में तीन बदलाव किए थे, जिसमें भुवनेश्वर कुमार और टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे को टीम से बाहर कर दिया गया था.
मनोज प्रभाकर ने मौजूदा टेस्ट सीरीज में भारत के टीम चयन की आलोचना करते हुए कहा कि सीमित ओवर क्रिकेट में फॉर्म के आधार पर खिलाड़ियों को टेस्ट मैच के लिये चुनना शर्मनाक है. भारत ने पहले दो टेस्ट में अजिंक्य रहाणे को बाहर रखा जबकि भुवनेश्वर कुमार को दूसरे टेस्ट से बाहर कर दिया और उनकी जगह इशांत शर्मा को टीम में शामिल किया है.
केपटाउन में शुरूआती दिन भुवनेश्वर ने शुरू में तीन विकेट झटके थे जिससे दक्षिण अफ्रीका ने 12 रन के अंदर तीन विकेट गंवा दिये थे. लेकिन भारतीय टीम इस मैच में 208 रन के लक्ष्य का पीछा नहीं कर सकी और उसे हार का सामना करना पड़ा था.
प्रभाकर ने शनिवार को ईडन गार्डन्स पर पत्रकारों से कहा, ‘यह शर्मनाक है, अगर आप टेस्ट टीम का चयन टी-20 अंतरराष्ट्रीय या वनडे टीम की फॉर्म के आधार पर करना शुरू कर दोगे तो आप खत्म हो. टेस्ट मैचों में नई गेंद से खेलना एक विशेषज्ञ का काम है.’उन्होंने कहा, ‘हमारे पास रिषभ पंत है, क्या आप उसे टेस्ट में खिलाओगे? वह 25-30 गेंद में शतक बना सकता है.’
प्रभाकर दिल्ली के गेंदबाजी कोच हैं और यहां सैयद मुश्ताक अली ट्राफी टी-20 टूर्नामेंट के लिये आये हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘टेस्ट में आपको अलग तकनीक की जरूरत होती है. लेकिन वनडे में कोई बल्लेबाज दोहरा शतक बनाता है तो उसका स्थान स्थिर हो जाता है. रहाणे को खिलाना चाहिए था, हमारी यही समस्या है.’
सेंचुरियन में किए गए बदलावों पर वीरेंद्र सहवाग से लेकर पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर, विनोद कांबली और वीवीएस लक्ष्मण ने भी टीम चयन पर सवाल खड़े किए थे. भारतीय टीम जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 24 जनवरी से सीरीज का आखिरी टेस्ट खेलने उतरेगी.
अनुग्रह मिश्र