'20 साल में कोई एक आता है, जो बुमराह बनता है...', घरेलू धाकड़ ख‍िलाड़ी प्र‍ियांक पांचाल ने तारीफ में पढ़े कसीदे

Priyank Panchal interview: प्रियांक पांचाल ने बुमराह की अनोखी गेंदबाजी तकनीक और कड़ी मेहनत की तारीफ की और बताया कि वह नेट्स में भी उतने ही आक्रामक रहते हैं. उनका मानना है कि बुमराह की सफलता उनकी लगन, अनुभव और सीखने की क्षमता का नतीजा है.

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Jasprit Bumrah (PTI) Jasprit Bumrah (PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST

जसप्रीत बुमराह को सभी प्रारूपों में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक माना जाता है. वह इस समय दुनिया के नंबर-1 टेस्ट गेंदबाज हैं. लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाने से पहले बुमराह ने गुजरात की ओर से खेलते हुए पहचान बनाई थी. गुजरात के पूर्व खिलाड़ी प्रियांक पंचाल का कहना है कि बुमराह में हमेशा से भारत का प्रतिनिधित्व करने की इच्छाशक्ति थी.35 साल के पांचाल ने हाल ही में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की है. 

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2016-17 के रणजी ट्रॉफी सीजन में प्रियांक पंचाल ने 10 मैचों में सर्वाधिक 1310 रन बनाए थे, वहीं बुमराह ने 7 मैचों में 24 विकेट निकाले थे, इसमें सेमीफाइनल में झारखंड के खिलाफ 29 रन देकर 6 विकेट भी शामिल है. फाइनल में गुजरात ने मुंबई को हराकर खिताब जीता और इस जीत में बुमराह की भूमिका अहम रही.

गुजरात के पूर्व बल्लेबाज ने पॉडकास्ट में कहा कि बुमराह हमेशा प्रतिस्पर्धी रहे हैं और हर कोई जानता था कि अगर उन्हें  भारत के लिए मौका दिया गया तो वह जरूर सफल होंगे. पांचाल का मानना है कि बुमराह की अनोखी गेंदबाजी तकनीक ने उन्हें सबसे अलग बनाया और आज वे जिस मुकाम पर हैं, वह उनकी मेहनत और मैदान के बाहर के अनुभवों की बदौलत है.

प्रियांक पांचाल ने कहा, 'मुझे लगता है कि उनमें वह  जोश था और देश का सर्वोच्च स्तर पर प्रतिनिधित्व करने की इच्छा थी और उस समय भी. वह बहुत प्रतिस्पर्धी थे. और आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर आपको अगले स्तर पर उस प्रतिस्पर्धात्मकता के साथ मौका मिले, तो आप निश्चित रूप से सफल होंगे. इसलिए वह सफल हैं क्योंकि उन्होंने कड़ी मेहनत की है.'

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पांचाल का घरेलू क्रिकेट में 17 साल का करियर रहा. उन्होंने बुमराह के बारे में कहा, 'उन्होंने क्रिकेट से बाहर कई चुनौतियों का सामना किया है. वह ऐसे गेंदबाज थे, जिनके बारे में हम सभी चाहते थे कि वह देश का प्रतिनिधित्व करें. उनकी गेंदबाजी तकनीक बिल्कुल अलग है. इस तरह के गेंदबाज आपको बहुत कम देखने को मिलते हैं- शायद हर 20 साल में एक. इसका पूरा श्रेय उन्हें ही जाता है, क्योंकि उन्होंने मेहनत की है, अनुभवों से सीखा है और अब भी सीख रहे हैं.'

पांचाल ने आगे बताया कि नेट्स में भी बुमराह उतने ही प्रतिस्पर्धी रहते हैं और अभ्यास के दौरान बल्लेबाजो को परेशान करते रहते हैं. पंचाल ने कहा, 'बुमराह बहुत प्रतिस्पर्धी है. अगर मैं कवर ड्राइव खेलता हूं, तो अगली गेंद या तो बाउंसर होती है या यॉर्कर. नेट्स में भी जब हम 40 से 50 गेंदें खेलते थे, वह हर बल्लेबाज को करीब 6 से 8 गेंदें डालते थे. उन 6 से 8 गेंदों में कम से कम दो बाउंसर जरूर होते थे.' 

प्रियांक पांचाल 2021 में टेस्ट पदार्पण के बेहद करीब थे. रोहित शर्मा बाएं हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे की टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए थे. उनके स्थान पर गुजरात के ओपनर प्रियांक को स्क्वॉड में शामिल किया गया था, जो भारत-ए के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे. वह घरेलू सर्किट में भी रन बना रहे थे, लेकिन उन्हें डेब्यू का अवसर नहीं मिला. साथ ही इस बल्लेबाज को अपने करियर के दौरान आईपीएल में भी खेलने का मौका नहीं मिला.

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प्रियांक पांचाल ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 29 शतकों और 34 अर्द्धशतकों के साथ 8856 रन बनाए. उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 314* रहा.

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