England's tale of four Wicketkeepers: मैच के दौरान खिलाड़ी के घायल हो जाने पर टीम स्क्वॉड से सब्स्टीट्यूट के तौर पर किसी अन्य खिलाड़ी को फील्ड में उतारा जाना आम बात है. पर ऐसा भी देखा गया है, जब विकेकीपर-बल्लेबाज के घायल होने पर उसकी जगह विकेट की पीछे की जिम्मेदारी निभाने के लिए किसी टीम ने एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं... बल्कि चार विकेटकीपरों को आजमाया. जी हां! ये सच है. ठीक 36 साल पहले इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच लॉर्ड्स में खेले गए टेस्ट में यह दुर्लभ उदाहरण देखा गया.
लॉर्ड्स: इंग्लैंड vs न्यूजीलैंड
दरअसल, 1986 में न्यूजीलैंड ने 2 मैचों की वनडे सीरीज और 3 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए इंग्लैंड का दौरा किया था. उस दौरे की वनडे सीरीज 1-1 से बराबरी छूटने का बाद दोनों टीमें 24 जुलाई से लॉर्ड्स में खेले गए सीरीज के पहले टेस्ट मैच में आमने-सामने थीं. इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शुरुआती दिन 248/5 का स्कोर बनाया. अगले दिन न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज रिचर्ड हैडली ने फिल एडमंड्स को आउट कर अपने 5 विकेट पूरे किए.
इंग्लिश कीपर ब्रूस फ्रेंच घायल
इसके बाद विकेटकीपर ब्रूस फ्रेंच चोटिल होने से पहले 12 मिनट तक क्रीज पर रहे. फ्रेंच ने हेडली के बाउंसर को खेलने की कोशिश की. इस प्रयास में गेंद उनके हेलमेट के पिछले हिस्से पर जा लगी और वह पिच पर ही गिर पड़े. चोट लगने से खून बहने लगा था. उन्हें अस्पताल ले जाया गया. घाव भरने के लिए उन्हें तीन टांके लगे. उधर, पारी जारी रही. इंग्लैंड की टीम 307 रन बनाकर आउट हो गई. हेडली ने अपने 37.5 ओवरों में 80 रन देकर 6 विकेट चटकाए.
टीम ने बिल ऐथी को कीपिंग ग्लव्स पहनाए
अब यह स्पष्ट था कि इंग्लैंड को एक कीपर की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि इस टेस्ट मैच में फ्रेंच का दोबारा मैदान पर उतरना संभव नहीं लग रहा था. इंग्लैंड ने अपने नंबर-3 बल्लेबाज बिल ऐथी को कीपिंग ग्लव्स पहनाए, लेकिन वह उस नई भूमिका महज दो ओवर ही नजर आए. दरअसल, इंग्लैंड ने अपने रिटायर्ड विकेटकीपर बॉब टेलर को लाने का फैसला किया, जो उस समय 45 साल के थे. आखिरकार टेलर ने अपना संन्यास तोड़ा और कीपिंग ग्लव्स संभाल लिए.
बॉब टेलर को मैदान पर उतरना पड़ा
ऐसा न्यूजीलैंड के कप्तान जर्मी कॉनी की सहमति के बाद ही संभव हो पाया. टेलर उस वक्त वहां मौजूद थे और टेस्ट मैच देख रहे थे. वह प्रायोजक कॉर्नहिल इंश्योरेंस के लिए पीआर की भूमिका में थे. इंग्लैंड के लिए टेलर ने आखिरी बार 1984 में टेस्ट मैच खेला था. ...पर क्रिकेट से लगातार दूर रहने के बावजूद उन्होंने विकेट के पीछे पूरी मुस्तैदी दिखाई.
बॉबी पार्क्स ने भी विकेटकीपिंग की
तीसरे दिन लंच के बाद टेलर ने हैम्पशायर के बॉबी पार्क्स को विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी सौंपी. आखिरकार चौथे दिन (27 जुलाई को एक दिन के रेस्ट के बाद) नियमित विकेटकीपर ब्रूस फ्रेंच फिट होकर लौट आए. न्यूजीलैंड की टीम 35 रनों की बढ़त के बाद 335 रनों पर आउट हो गई. यह मजेदार रहा कि पारी के दौरान चार विकेटकीपरों का इस्तेमाल किया गया था, उनमें से किसी को भी कैच लेने या स्टंपिंग करने का मौका नहीं मिला.
इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में 295/6 बनाए और पारी घोषित की, जब ब्रूस फ्रेंच को अगली बल्लेबाजी करनी थी. न्यूजीलैंड ने 5वें दिन के दूसरे हाफ में खेल के 15 ओवरों में 41/2 का स्कोर बनाया और खेल ड्रॉ पर समाप्त हुआ. इसके बाद कीवी टीम ने ट्रेंट ब्रिज में दूसरा टेस्ट जीता. ओवल में अंतिम टेस्ट ड्रॉ पर समाप्त हुआ और कीवियों ने 3 मैचों की टेस्ट सीरीज़ 1-0 से जीत ली.
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