मोहम्मद शमी इस वक्त रणजी ट्रॉफी में अब तक 93 ओवर फेंक चुके हैं, लेकिन यह मान लेना मुश्किल है कि भारत के सबसे भरोसेमंद तेज गेंदबाजों में से एक अब दोबारा सफेद जर्सी में नजर आएंगे. इतना ही नहीं, वनडे टीम में उनकी वापसी की संभावना भी अब बहुत धुंधली दिख रही है.
35 साल के शमी ने भारत के लिए आखिरी मैच मार्च में चैम्पियंस ट्रॉफी में खेला था. इसके बाद से उन्हें किसी भी फॉर्मेट में मौका नहीं मिला. 2023 वर्ल्ड कप के बाद उनकी एड़ी की सर्जरी हुई थी और लंबे रिहैब के बाद अब वे फिर से फिटनेस की राह पर हैं.
उनकी जगह अब प्रसिद्ध कृष्णा...आकाश दीप?
लेकिन मौजूदा हालात में भारतीय क्रिकेट की दिशा देखकर यह कहा जा सकता है कि शमी के 197 अंतरराष्ट्रीय मैचों का आंकड़ा शायद यहीं थम जाए. टेस्ट और टी20 में उनकी जगह अब प्रसिद्ध कृष्णा और आकाश दीप जैसे गेंदबाजों ने ले ली है. बचा केवल वनडे फॉर्मेट, लेकिन अगला वर्ल्ड कप 2027 में होना है- तब तक 37 साल के शमी को लगातार फिट रखना बोर्ड के लिए बड़ा जोखिम होगा, खासकर जब उनके घुटने और एड़ी पहले ही सर्जरी झेल चुके हैं.
शमी ने खुले तौर पर यह शिकायत भी की है कि चयनकर्ताओं ने उनसे कोई बातचीत नहीं की. लेकिन बीसीसीआई सूत्रों का कहना है कि यह पूरी सच्चाई नहीं है.
एक वरिष्ठ बोर्ड अधिकारी ने पीटीआई से कहा, 'राष्ट्रीय चयन समिति और बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के स्टाफ ने शमी से कई बार संपर्क किया था. इंग्लैंड दौरे पर जसप्रीत बुमराह तीन से ज्यादा टेस्ट नहीं खेल सकते थे, इसलिए हम चाहते थे कि शमी उपलब्ध हों. आखिर इंग्लैंड की परिस्थितियों में शमी जैसा गेंदबाज कौन नहीं चाहेगा?'
जानकारी के मुताबिक, चयन समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ने शमी को कई संदेश भेजे थे- उनकी फिटनेस के बारे में पूछते हुए और यह आग्रह करते हुए कि वे इंग्लैंड लॉयन्स के खिलाफ कम-से-कम एक ‘इंडिया ए’ मैच खेलें. यह टेस्ट फिटनेस जांचने का हिस्सा था.
तब कहा था- इस समय खेलने की स्थिति में नहीं हैं
लेकिन शमी ने जवाब दिया कि वे अभी अपने वर्कलोड पर काम कर रहे हैं और इस समय खेलने की स्थिति में नहीं हैं,
बीसीसीआई अधिकारी के मुताबिक, 'यह कहना कि शमी से कोई बातचीत नहीं हुई, पूरी तरह सही नहीं है. उनके मेडिकल रिपोर्ट स्पोर्ट्स साइंस टीम के पास हैं और उसी के आधार पर उनकी वापसी पर फैसला होगा.'
उनकी गेंदबाजी की गति अब औसतन 130 किमी/घंटा के आसपास है, जबकि अपने चरम पर वे 140 तक की रफ्तार निकालते थे. बंगाल के लिए भी वे लंबे स्पेल नहीं फेंक रहे, बल्कि 4-4 ओवर के छोटे स्पेल्स में गेंदबाजी कर रहे हैं. यह चिंता का विषय है कि क्या वह टेस्ट जैसी मेहनती क्रिकेट के लिए तैयार हैं.
शमी सूरत में रेलवे के खिलाफ बंगाल का रणजी मैच नहीं खेले, हालांकि उन्होंने शुरुआती तीन मुकाबले खेले थे. अब उम्मीद है कि वे 16 नवंबर से कल्याणी में असम के खिलाफ घरेलू मैच में उतरेंगे, इसके बाद सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेलकर आईपीएल नीलामी से पहले अपनी फिटनेस और फॉर्म दिखाने की कोशिश करेंगे.
इनपुट- PTI
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