बंगाल क्रिकेट टीम के हेड कोच लक्ष्मी रतन शुक्ला ने मोहम्मद शमी का जोरदार समर्थन किया है. टीम सेलेक्शन फिटनेस को लेकर चल रही बहस के बीच उन्होंने टीम इंडिया के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर पर नाम लिए बिना निशाना साधा है.
रणजी ट्रॉफी में गुजरात पर बंगाल की 141 रन की जीत में शमी के शानदार आठ विकेट लेने के बाद शुक्ला ने उनकी तारीफ की. शमी (सेल्फमेड सर्टिफिकेट) ‘खुद में एक प्रमाणपत्र’ हैं. कुल मिलाकर अपने बयान से उन्होंने नाम लिए बिना अजीत अगरकर पर निशाना साधा.
शुक्ला ने कहा, “आप सबने देखा शमी ने कैसे गेंदबाजी की. मुझे कुछ जोड़ने की जरूरत नहीं है, उनका प्रदर्शन ही सब कुछ कह गया. उनकी प्रतिबद्धता पर कोई सवाल नहीं उठ सकता.” उन्होंने आगे कहा, “पूरी दुनिया जानती है मोहम्मद शमी कौन हैं. उन्हें किसी से प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है, उनकी गेंदबाजी ही उनका प्रमाणपत्र है. वह पूरी तरह फिट हैं.”
यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ दिनों पहले चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने शमी को टेस्ट टीम से बाहर रखने का कारण उनकी फिटनेस और हाल के मैचों की कमी बताया था. हालांकि, टखने की सर्जरी के बाद शमी ने केवल दो रणजी मैचों में 15 विकेट लेकर अपने फॉर्म और फिटनेस पर उठे सभी सवालों का जोरदार जवाब दे दिया है.
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शुक्ला ने शमी के वर्कलोड की भी जमकर सराहना की और कहा कि बंगाल टीम उनके वर्कलोड को समझदारी से मैनेज कर रही है, भले ही शमी हर मैच खेलने की इच्छा रखते हैं. उन्होंने कहा, “हम शमी को सभी सात मैच नहीं खिलवा सकते, हालांकि वह बार-बार कहते हैं कि वह फिट हैं और हर मैच खेलना चाहते हैं. जिस तरह वह रनअप लेते हैं, वह अविश्वसनीय है. 500 विकेट लेने के बाद भी उनका रिदम शानदार है और वह बेहद सुकून के साथ गेंदबाजी कर रहे हैं.”
शमी आखिरी बार भारत के लिए चैम्पियंस ट्रॉफी में खेलते दिखे थे. उन्होंने बंगाल की गुजरात पर दो दशक बाद रणजी जीत में अहम भूमिका निभाई. आखिरी दिन उनकी पांच विकेट की घातक स्पेल ने मेहमान टीम की मिडिल ऑर्डर को ध्वस्त कर दिया और यह साबित कर दिया कि वह अभी भी भारत के सर्वश्रेष्ठ रेड-बॉल गेंदबाजों में से एक हैं.
मैच के बाद शमी ने कहा कि वह “फिट और तैयार” हैं, वहीं उन्होंने दोबारा इंटरनेशनल क्रिकेट में लौटने की इच्छा व्यक्त की थी. वहीं उन्होंने कहा था कि हर खिलाड़ी का सपना देश के लिए खेलना होता है. मैं फिर से तैयार हूं. मेरा लक्ष्य फिट रहना और प्रदर्शन करते रहना है, बाकी फैसला सेलेक्टर्स पर है.
शमी की लय और शुक्ला के तीखे बयानों के बाद अब एक बार फिर सेलेक्शन प्रोसेस पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं चर्चा इस बात की है कि भारत कब तक अपने सबसे अनुभवी और प्रभावशाली तेज गेंदबाजों में से एक को नजरअंदाज कर सकता है.
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