जनार्दन नवले: भारत के लिए पहली बॉल खेलने वाला खिलाड़ी, जिसे गार्ड की नौकरी करनी पड़ी

भारत ने अपना पहला टेस्ट इंग्लैंड के खिलाफ साल 1932 में खेला था, लॉर्ड्स में खेले गए इस मुकाबले में टीम इंडिया ने पहले फील्डिंग की थी. जब भारत की बैटिंग आई, तब विकेटकीपर जनार्दन नवले ने ही पहली बॉल खेली और इस तरह उनका नाम इतिहास में दर्ज हो गया. 

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भारत की पहली टेस्ट टीम (खड़े हुए प्लेयर में सबसे दाएं, जनार्दन नवले) भारत की पहली टेस्ट टीम (खड़े हुए प्लेयर में सबसे दाएं, जनार्दन नवले)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:44 PM IST
  • पूर्व क्रिकेटर जनार्दन नवले की जयंती
  • भारतीय टेस्ट टीम के पहले विकेटकीपर थे नवले

क्रिकेट भारत में अब धर्म का रूप ले चुका है, जिसके करोड़ों फैंस हैं. लेकिन क्या आपको पता है जब भारत अपना पहला ऑफिशियल मैच खेला था, तब किसने पहली बॉल खेली थी? वो स्पेशल खिलाड़ी थे जनार्दन नवले, जो टीम इंडिया के पहले विकेटकीपर भी थे. 7 दिसंबर को जनार्दन नवले का जन्मदिन होता है. 

भारत ने अपना पहला टेस्ट इंग्लैंड के खिलाफ 25 जून 1932 को खेला, लॉर्ड्स में खेले गए इस मुकाबले में टीम इंडिया ने पहले फील्डिंग की थी. जब भारत की बैटिंग आई, तब विकेटकीपर जनार्दन नवले ने ही पहली बॉल खेली और इस तरह उनका नाम इतिहास में दर्ज हो गया. 

हालांकि, जनार्दन नवले का टेस्ट करियर उतना शानदार नहीं रहा था. सिर्फ 31 साल की उम्र में जनार्दन नवले को टीम से बाहर कर दिया गया था. यानी 30 साल की उम्र में उन्होंने अपना डेब्यू किया था और एक साल बाद उनका करियर खत्म हो गया था. 

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सिर्फ दो मैच का टेस्ट करियर

जनार्दन अपने करियर में सिर्फ 2 मैच ही खेल पाए और उन्होंने करियर में 42 रन बनाए थे. यानी जिसने भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में पहली बॉल खेली, उसका करियर सिर्फ दो मैच तक ही चल पाया. हालांकि, फर्स्ट क्लास करियर में नवले ने 65 मैच में 1976 बनाए थे. 

लेकिन बल्लेबाजी से ज्यादा तारीफ उनकी विकेटकीपिंग की होती थी. जो भारत जैसे देश से आए विकेटकीपर के लिए काफी बड़ी बात थी, जो तब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम ही रख रहा था. जनार्दन नवले की बैटिंग की तारीफ तो क्रिकेट की बड़ी मैग्ज़ीन विस्डन ने भी की थी. 

जब करनी पड़ी गार्ड की नौकरी

हालांकि, जनार्दन नवले के टेस्ट करियर या उनके पहली बॉल खेलने से इतर उनकी एक संघर्ष भरी कहानी भी है. आज जब क्रिकेटरों पर करोड़ों रुपयों की बारिश होती है, तब जनार्दन नवले को अपना जीवन चलाने के लिए एक गार्ड की नौकरी करनी पड़ी थी. वह एक शुगर मिल में गार्ड के तौर पर काम करते थे. 

जनार्दन नवले के लिए ये भी बात कही गई कि अंतिम दिनों में वह भीख मांग कर गुजारा कर रहे थे, लेकिन इसकी कभी पुष्टि नहीं हुई. लेकिन बाद में उनके किसी करीबी ने इसको एक अफवाह ही बताया था, जनार्दन नवले के बेटे ने अंतिम दिनों में अपने पिता का खयाल रखा था और एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली थी. 

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जनार्दन नवले
जन्म: 7 दिसंबर, 1902
निधन: 7 सितंबर, 1979

 

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