Italian Town Bans Cricket: इटली के शहर में क्रिकेट खेलने पर मिलेगी सजा... बांग्लादेशियों से है खास कनेक्शन, जानिए मामला

इटली के मोनफालकोन शहर में प्रवासियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस कारण स्थानीय लोग मानने लगे हैं कि उनकी संस्कृति और परंपरा खतरे में है. इसी मुद्दे को लेकर दक्षिणपंथी लीग पार्टी की नेता एना मारिया सिसिन ने मेयर का चुनाव लड़ा और जीता भी. इसके बाद उन्होंने अपने वादे के मुताबिक क्रिकेट समेत कई चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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प्रतिकात्मक फोटो. प्रतिकात्मक फोटो.

aajtak.in

  • मोनफालकोन (इटली),
  • 09 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:00 PM IST

Italian Town Monfalcone Bans Cricket: भारत में क्रिकेट को धर्म के तौर पर माना जाता है. जब ICC वर्ल्ड कप होता है, तो भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में लोगों की नजरें इस पर टिक जाती हैं. IPL, BBL जैसी कई लीग भी जमकर रोमांच बढ़ाती हैं. मगर कम ही फैन्स को पता होगा कि विश्व में एक ऐसा भी शहर है, जहां क्रिकेट को बैन कर रखा है. जी हां, यह इटली का एक शहर है.

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इस शहर का नाम मोनफालकोन (Monfalcone) है, जहां की आबादी सिर्फ 30 हजार है. इस शहर की मेयर एना मारिया सिसिंट (Anna Maria Cisint) ने मोनफालकोन में क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसकी बड़ी वजह बांग्लादेशी लोगों की आबादी है.

शहर से बाहर जाकर खेल सकते हैं क्रिकेट

यदि इस शहर में कोई क्रिकेट खेलता पाया जाता है तो उस पर 100 यूरो (करीब 9200 रुपये) का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. हालांकि इतनी राहत दी गई है कि यदि किसी को क्रिकेट खेलना है, तो वो शहर से बाहर जाकर खेल सकता है.

इस प्रतिबंध के बाद शहर के सभी प्रमुख मैदानों और मोहल्‍लों में पुलिस CCTV से नजर रखती है. दरअसल, शहर की आबादी में एक तिहाई प्रवासी भी हैं, जिनमें ज्यादातर बांग्लादेशी मुस्लिम हैं. जो क्रिकेट के प्रति जुनूनी होते हैं. साथ ही वो सड़क, गली या सार्वजनिक जगहों पर नमाज भी पढ़ते हैं.

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...और भी कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए गए

प्रवासियों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. इसके कारण स्थानीय लोग मानने लगे हैं कि उनकी संस्कृति और परंपरा खतरे में है. इसी मुद्दे को लेकर दक्षिणपंथी लीग पार्टी की नेता एना मारिया सिसिन ने मेयर का चुनाव लड़ा और जीता भी. इसके बाद उन्होंने अपने वादे के मुताबिक क्रिकेट समेत कई चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया है.

1990 के दशक में क्रूज शिप बनाने के लिए इनका मजदूरों के रूप में यहां आगमन हुआ. अब धीरे-धीरे इनकी आबादी बढ़ती गई. शहर में सार्वजनिक जगहों पर कई बेंच लगी थीं, जहां बांग्‍लादेशी लोग इकट्ठा होते हैं, ऐसे में उन सभी बेंचों को हटा दिया गया है. सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी गई है.

मेयर को मिली जान से मारने की धमकियां

बीबीसी से बात करते हुए मेयर ने कहा कि इस तरह तो हमारा इतिहास मिट जाएगा. लिहाजा क्रिकेट को बांग्‍लादेशी मुस्लिमों के खिलाफ प्रतीक के रूप में इस्‍तेमाल करते हुए उसको खेलने पर बैन लगा दिया गया है. यहां पर इस्‍लामिक कट्टरवाद की प्रक्रिया पूरी ताकत से चल रही है. बता दें कि अपने इस तरह के बयानों के कारण मेयर को जान से मारने की कई धमकियां भी मिल चुकी हैं. लिहाजा सरकार ने उनको चौबीसो घंटे पुलिस की सुरक्षा दे रखी है.

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क्रिकेट के बैन को लेकर मेयर ने कहा कि हमारे पास क्रिकेट पिच बनाने के लिए न ही पैसा है और न ही जगह. वैसे भी बॉल से खतरा होता है, क्‍योंकि ये किसी को भी लग सकती है. अगर इनको क्रिकेट खेलने का इतना शौक है तो इस शहर से बाहर चले जाएं और वहां खेलें. 

बांग्‍लादेशी समुदाय ने अपनी नाराजगी जाहिर की

शहर के ही पास फिनसेंटियरी (Fincantieri) है, जोकि यूरोप और दुनिया के सबसे बड़े शिपयार्ड में शामिल है. यहीं मजदूरी के लिए बांग्‍लादेशियों की भर्ती की जाती है. शिपयार्ड के संचालकों का कहना है कि हमको यूरोप में काम के कुशल कारीगर नहीं मिलते. 

दूसरी ओर इन सभी प्रतिबंधों पर प्रवासी बांग्‍लादेशी समुदाय ने अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि यदि हमारी वर्कफोर्स यहां से चली जाए तो यहां शिपयार्ड में एक जहाज को बनाने में 5 साल लगेंगे, लेकिन फिर भी हमारी अहमियत को नहीं समझा जा रहा है. हमारे साथ भेदभाव हो रहा है.

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