राजस्थान रॉयल्स (RR) के युवा क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में धूम मचा रहे हैं. 14 साल के वैभव ने गुजरात टाइटन्स (GT) के खिलाफ मुकाबले में सिर्फ 35 गेंदों पर शतक जड़ा था. इसी के साथ वैभव आईपीएल में सबसे तेज शतक जड़ने वाले भारतीय प्लेयर बन गए थे. हालांकि वैभव 1 मई (गुरुवार) को मुंबई इंडियंस (MI) के खिलाफ मुकाबले में कुछ खास नहीं कर सके और वो खाता खोले बगैर आउट हुए.
वैभव सूर्यवंशी ने 19 अप्रैल 2025 को लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के खिलाफ मुकाबले से IPL में डेब्यू किया था. वैभव ने अपने आईपीएल डेब्यू के दौरान पहली ही गेंद पर शार्दुल ठाकुर को छक्का लगाकर अपने डेब्यू की शानदार घोषणा की. बाद में उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के खिलाफ मैच में भुवनेश्वर कुमार को निशाने पर लिया और दो छक्के जड़े. फिर गुजरात के खिलाफ तो उन्होंने कमाल कर दिया.
आईपीएल में रिकॉर्डतोड़ पारी खेलने के बाद वैभव सूर्यवंशी की असली उम्र को लेकर सवाल उठ रहे हैं. वैभव का एक पुराना इंटरव्यू एक बार फिर वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह सितंबर 2023 में 14 साल के हो जाएंगे. यानी वैभव के उस बयान को आधार माना जाए तो इस साल सितंबर में 23 तारीख को उनकी एज 16 साल होनी चाहिए.
हालांकि आईपीएल के रिकॉर्डबुक के मुताबिक वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ था और उनकी मौजूदा उम्र 14 साल और 36 दिन है. मशहूर स्टैट्समैन मोहनदास मेनन ने वैभव की उम्र को लेकर हैरानी जताई थी. मोहनदास ने उस पुराने इंटरव्यू का हवाला देते हुए ये कहा था कि वैभव की वास्तविक उम्र को लेकर इससे अधिक प्रमाण क्या हो सकता है.
हालांकि वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने इस बात को खारिज कर दिया था कि उनके बेटे ने उम्र में फर्जीवाड़ा किया. संजीव सूर्यवंशी ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'जब वह साढ़े 8 साल का था, तो उसने पहली बार 'बीसीसीआई बोन' टेस्ट दिया था. वह पहले ही भारत के लिए अंडर-19 खेल चुका है. हमें किसी से डर नहीं है. वह फिर से 'एज टेस्ट' से गुजर सकता है.'
BCCI कैसे करता है उम्र की जांच?
बता दें कि उम्र में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) फिलहाल TW3 (Tanner-Whitehouse 3) तकनीक का इस्तेमाल करता है. इस तकनीक में खिलाड़ी की हड्डी की परिपक्वता की जांच करने के लिए बाएं हाथ और कलाई का एक्स-रे किया जाता है. कलाई के स्कैन में उम्र का अनुमान उन 20 हड्डियों को देखकर लगाया जाता है, जो शुरू में अलग-अलग होती हैं.
हालांकि ये हड्डियां उम्र बढ़ने के साथ मिल जाती हैं. इस तकनीक के लिए बाएं हाथ और कलाई के उपयोग करने का एक कारण यह है कि ज्यादातर लोग दाएं हाथ से सक्रिय होते हैं. ऐसे में बाएं हाथ की तुलना में दाएं हाथ के चोटिल रहने की ज्यादा संभावना रहती है. अभी 'बोन टेस्ट' को कराने में लगभग 2400 रुपये का खर्च आता है और इसका रिजल्ट 3 से चार दिनों में आ जाता है.
अभी राज्य एसोसिएशन ही खिलाड़ियों का टेस्ट करवाते हैं, जो बीसीसीआई के ऑब्जर्वर्स की मौजूदगी में होता है. यहां टेस्ट होने के बाद सैंपल को एक्सपर्ट्स के पास भेजा जाता है, जिसके बाद इसके नतीजे सामने आते हैं. बता दें कि साल 2019 में जम्मू-कश्मीर के रसिख सलाम डार ने उम्र में फर्जीवाड़ा किया था, जिसके बाद बीसीसीआई ने उनपर दो साल का बैन लगा दिया. उनके अलावा मनजोत कालरा, अंकित बावने जैसे प्लेयर्स का नाम भी इसमें आ चुका है.
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