श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट में भी विराट कोहली बल्ले से कोई खास कमाल नहीं कर पाए. कोहली अच्छी शुरुआत के बाद 45 रन बनाकर एक बार फिर स्पिनर का शिकार बने. विराट श्रीलंकाई स्पिनर (स्लो लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स) लसिथ एम्बुल्डेनिया की एक गेंद को बैकफुट में खेलने के प्रयास में क्लीन बोल्ड हो गए. उनका बल्ला लंबे अरसे से खामोश है, स्पिन के सामने वह लगातार संघर्ष करते नजर आ रहे हैं.
विराट का स्पिनर्स के सामने संघर्ष
पिछले एक साल में विराट कोहली ने भारतीय विकेटों पर 9 टेस्ट पारियां खेली हैं, 6 इंग्लैंड के खिलाफ, 2 न्यूजीलैंड के खिलाफ और 1 श्रीलंका के किलाफ. इन 9 पारियों में 7 में विराट कोहली स्पिनर्स को अपना विकेट देकर पवेलियन वापस लौट गए. इनमें से अधिकतर लेफ्ट आर्म स्पिनर हैं. विराट कोहली को अमूमन स्पिन के सामने एक बेहतरीन बल्लेबाज माना जाता है लेकिन पिछले कुछ वक्त से वह स्पिन के सामने संघर्ष करते नजर आ रहे हैं.
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में भी विराट अच्छी शुरुआत करने के बाद केशव महाराज और तबरेज शम्सी की पेस पढ़ने में नाकाम रहे थे और तीनों पारियों में दो बार महाराज और एक बार शम्सी ने उन्हें आउट किया. न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई में खेले गए टेस्ट में एजाज पटेल और रचिन रवींद्र ने उनका विकेट निकाला. इससे पहले पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई सीरीज में 6 पारियों में वह 4 बार स्पिनर्स के सामने विकेट दे बैठे. 2 बार मोईन अली और एक-एक बार डॉम बेस और जैक लीच ने विराट का विकेट निकाला.
71वें शतक का इंतजार और बढ़ा
मोहाली में अपना 100वां टेस्ट खेल रहे विराट कोहली ने इंटरनेशनल क्रिकेट में आखिरी बार शतकीय पारी नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट में खेली थी. उन्होंने कोलकाता में खेले गए उस मुकाबले में 136 रनों की शानदार पारी खेली थी. उस पारी में शतक के बाद से कोहली ने तीनों प्रारूपों यानी टेस्ट, वनडे और टी20 इंटरनेशनल की कुल 71 पारियों में 2442 रन बनाए, जिसमें 24 अर्धशतक शामिल रहे. इस दौरान उनका एवरेज महज 38.15 का रहा है. 24 में से अधिकतर हाफ सेंचुरी वनडे क्रिकेट में निकली हैं.
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली को इससे पहले भी दो अवसरों पर शतक के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा है लेकिन वह कभी भी सालों के इंतजार में नहीं रहा. साल 2011 में विराट फरवरी से लेकर सितंबर महीने तक 24 पारियों में कोहली शतक नहीं लगा पाए थे. वहीं, 2014 में फरवरी से लेकर अक्टूबर तक 25 पारियों में वह सेंचुरी नहीं जड़ सके थे. लेकिन 2008 में डेब्यू करने के बाद 2020 और 2021 ऐसे दो साल रहे, जब कोहली एक शतक भी नहीं लगा पाए.
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