IND vs ENG: भारत की हार अति उत्साह का नतीजा? विराट-रोहित के बिना मिशन इंग्लैंड अधूरा

लीड्स टेस्ट में करारी हार झेलने के बाद शुभमन ब्रिगेड पर सवाल उठ रहे हैं. रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भारतीय टीम का ये पहला मुकाबला था. लेकिन इन दो दिग्गजों के बिना भारतीय टीम शुरुआती परीक्षा ही पास नहीं कर पाई.

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Team India Players during Leeds Test (Photo-Getty Images) Team India Players during Leeds Test (Photo-Getty Images)

aajtak.in

  • लीड्स,
  • 25 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:09 PM IST

भारतीय टीम को इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्ट मैच में 5 विकेट से पराजय का सामना करना पड़ा. ये मुकाबला भारतीय टीम आसनी जीत सकती थी. लेकिन खराब फील्डिंग, अति उत्साह, औसत कप्तानी और लोअर ऑर्डर के बल्लेबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन के चलते टीम इंडिया की लुटिया डूब गई. इस हार के चलते भारतीय टीम पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-1 से पीछे हो गई है. टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला 2 जुलाई से एजेबस्टन में खेला जाएगा.

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देखा जाए तो रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भारतीय टीम का ये पहला मुकाबला था. बैटिंग में तो टीम इंडिया को उनकी कमी शायद इस मुकाबले में उतनी नहीं खली. लेकिन फील्डिंग के दौरान खासकर कोहली की कमी जरूर महसूस हुई. कोहली मैदान पर अपने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते नजर आते हैं और साथ ही स्लिप कॉर्डन के भी अच्छे फील्डर्स में गिने जाते हैं. कोहली और रोहित शर्मा जैसे सीनियर खिलाड़ियों के बिना भारतीय टीम शुरुआती परीक्षा ही पास नहीं कर पाई. लीड्स टेस्ट के जरिए 5 मुख्य बातें भी निकलकर सामने आई हैं...

बुमराह की सफलता के बिना जीत नहीं सकते: जसप्रीत बुमराह ने एक बार फिर दिखाया कि वह टीम इंडिया की गेंदबाजी के आधार स्तंभ हैं. उनकी धारदार गेंदबाजी के बिना भारतीय टीम की जीत की कल्पना करना भी अधूरी है. बुमराह ने पहली पारी में पांच विकेट लिए, जिसके चलते भारतीय टीम 6 रनों की लीड लेने में कामयाब हुई. लेकिन दूसरी पारी में बुमराह को कोई विकेट नहीं मिला, जिसके चलते टीम बिखरी नजर आई. इससे ये बात साबित होता है कि भारतीय टीम इस मुकाबले में एक तरह से बुमराह पर ही पूरी तरह निर्भर थी. अकेले बुमराह पर निर्भर रहना टीम के लिए सही नहीं है.

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नए कप्तान आवश्यक दबाव नहीं बना पाए: शुभमन गिल की कप्तानी में अनुभव की कमी साफ दिखी, जो पहली बार टेस्ट टीम का नेतृत्व कर रहे थे. शुभमन ने बल्ले से जरूर अच्छा प्रदर्शन करते हुए शतक जड़ा, लेकिन कप्तान के तौर पर वो दबाव नहीं बना पाए. मैच के दौरान नाजुक मौकों पर रणनीति में स्पष्टता की कमी साफ दिखी. शुभमन गेंदबाजों को भी सही से रोटेट नहीं कर सके और फील्ड प्लेसमेंट भी डिफेंसिव नजर आई.

शुभमन गिल, (फोटो: Getty Images)

बैटिंग पर इतराए, शतक ठोक कर खुश होते रहे: भारतीय टीम की ओर से इस मुकाबले में पांच शतक बने, लेकिन फिर भी जीत हासिल नहीं हुई. ऋषभ पंत ने दोनों पारियों में शतक जड़ा. वहीं कप्तान शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल भी शतकीय पारियां खेलने में कामयाब रहे. व्यक्तिगत माइस्टोन हासिल करना तो ठीक है, लेकिन जब टीम ही ना जीते तो शतक या दोहरा शतक बनाने का क्या फायदा. खिलाड़ी अपनी बैटिंग पर इतरा सकते हैं, लेकिन टीम की हार के चलते उनका जश्न फीका पड़ चुका है.

बॉडी लैंग्वेज से नहीं दिखी जीत की भूख: मैच के आखिरी दिन जब इंग्लैंड की टीम ने तेजी से रन बनाते हुए मैच को पलटा, तो भारतीय खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज में गिरावट देखने को मिली. भारतीय खिलाड़ियों में थकावट और भ्रम साफतौर पर नजर आ रहा था. खिलाड़ियों में इंटेट का भी अभाव दिखा, साथ ही टीम की रणनीति भी सही नजर नहीं आ रही थी. ऐसा लगा कि मैच जिताने की भूख कहीं खो सी गई है.

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संतुलित टीम बनाने पर ध्यान देना होगा: लीड्स टेस्ट ने एक बार फिर साबित कर दिया कि टैलेंट ही काफी नहीं है, अनुभव और मानसिक मजबूती उतनी ही जरूरी है. भारत को अब आने वाले मैचों में खास गेम प्लान के साथ उतरने की जरूरत है. साथ ही टीम सेलेक्शन पर भी ध्यान होगा. अगले मुकाबले में अर्शदीप सिंह को मौका देना सही रहेगा क्योंकि वो बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं, जिसके कराण पेस अटैक में नया पैनापन देखने को मिलेगा. चाइनामैन कुलदीप यादव को भी खिलाने पर विचार करना चाहिए, जो किसी भी पिच पर गेंद को घुमाने की काबिलियत रखते हैं.

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