T20 वर्ल्ड कप नजदीक है. भारत इस समय सिंहासन पर बैठा है, लेकिन वहीं टिके रहने के लिए टीम का संतुलन सही होना, चयन समझदारी से करना और प्रयोगों को सीमित रखना पहले से ज्यादा जरूरी है. अब काट-छांट का समय बीत चुका है और टीम इंडिया के पास बहुत ज्यादा मैच भी नहीं बचे हैं. इसी माहौल में एक खिलाड़ी ऐसा है, जो टीम को सिर्फ मजबूत नहीं बनाता, बल्कि पूरी शक्ल ही बदल देता है, जिसका नाम है हार्दिक पंड्या.
कटक की धीमी, नम पिच पर भारतीय बल्लेबाज एक-एक कर जूझते नजर आए. अभिषेक शर्मा पेट पर गेंद खाकर दोहरा हो गए, तिलक वर्मा हवा में बल्ला घुमाते रह गए. शुभमन गिल और सूर्यकुमार यादव टाइमिंग तलाशते हुए कैच थमा बैठे.
... लेकिन उसी कठिन पिच पर हार्दिक पंड्या किसी अलग ही लय में दिखाई दिए. उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजी पर ऐसी पकड़ दिखाई कि विकेट की मुश्किलें भी मानो उनके सामने घुटने टेक गईं. 28 गेंदों में नाबाद 59, चार ऊंचे छक्के और शुरुआत ही दो no-look sixes (बिना देखे जड़े गए छक्के) से हार्दिक पंड्या की इस विस्फोटक बैटिंग ने कमेंट्री कर रहे डेल स्टेन को भी चौंका दिया. वह बोल पड़े- 'I am frightened for my life.' (मैं तो डर गया हूं)... यानी रफ्तार, कौशल और क्लास सब एक साथ.
एनरिक नॉर्किया की 149 किमी/घंटा की रफ्तार से आती गेंद पर आगे बढ़कर ऐसा स्ट्रेट शॉट लगाया कि गेंद नॉर्किया के पास से बिजली की तरह निकल गई. जब नॉर्किया ने उसी तेज रफ्तार से छकाना चाहा तो... पंड्या ने बेहद सधे अंदाज में उसे डीप थर्ड मैन के ऊपर से छक्के के लिए रैंप कर दिया. यह उनका टी20 इंटरनेशनल करियर का 100वां छक्का था. वह ऐसा मुकाम छूने वाले भारतीय पुरुष क्रिकेट इतिहास के चौथे बल्लेबाज (रोहित शर्मा, सूर्यकुमार यादव और विराट कोहली के बाद) बन गए.
तरह-तरह की पिचों पर, स्पिन और तेज- दोनों के खिलाफ हार्दिक की टाइमिंग और शॉट सेलेक्शन उन्हें एक अलग दर्जे का टी20 खिलाड़ी बनाता है.
बैट से मैच बदला, गेंद से मैच 'खत्म'
जब हार्दिक क्रीज पर उतरे, भारत 12वें ओवर में 78/4 की नाजुक स्थिति में था. ऐसा लग रहा था कि टीम 150 तक भी शायद ही पहुंच पाए. लेकिन पंड्या ने मोर्चा संभाला, रफ्तार बढ़ाई और भारत को 175/6 तक पहुंचाया- ऐसा स्कोर जिसे बाद में दक्षिण अफ्रीका छू भी नहीं पाई. गेंदबाजी में भी उन्होंने डेविड मिलर को सिर्फ 1 रन पर कैच करवाकर एक झटका ऐसा दिया कि विरोधी टीम पूरी तरह बिखर गई. अफ्रीका मात्र 74 रनों पर ढह गया, जो उनका टी20 इंटरनेशनल का सबसे कम स्कोर है.
यह मुकाबला एक बार फिर याद दिला गया- जब हार्दिक फिट होते हैं, भारत को हराना बेहद मुश्किल होता है.
फैन्स को वह रोमांचक लम्हा अच्छी तरह याद होगा- 2024 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल का, जब दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 24 गेंदों में 26 रन चाहिए थे. ऐसा लग रहा था कि मैच हाथ से निकल चुका है, लेकिन ठीक ऐसे मौकों पर भारत हमेशा हार्दिक पंड्या की ओर ही मुड़ता है. हार्दिक ने 17वें ओवर की पहली ही गेंद पर तूफानी फॉर्म में खेल रहे हेनरी क्लासेन (52) का अहम विकेट ले लिया. इसी गेंद ने मैच की दिशा पलटी और यहीं से टीम इंडिया ने मजबूत वापसी करते हुए खिताब अपने नाम कर लिया.
हार्दिक की मौजूदगी क्यों अनमोल है?
बैटिंग की गहराई- पंड्या मध्यक्रम में कहीं भी सेट हो सकते हैं. उनकी मौजूदगी से भारत की बैटिंग No. 8 तक मजबूत दिखती है. वनडे वर्ल्ड कप 2023 में उनकी चोट ने संतुलन बिगाड़ा था और इसका असर पूरे टूर्नामेंट में दिखा.
गेंदबाजी का अतिरिक्त हथियार - उनके रहने से भारत के पास 6 असली गेंदबाजी विकल्प तैयार रहते हैं. पिच के हिसाब से वे नई गेंद भी उठा सकते हैं. यह लचीलापन किसी और टीम के पास नहीं.
टीम-फर्स्ट माइंडसेट- हार्दिक खुद कहते हैं- 'It does not matter what Hardik Pandya wants; it matters what India wants.'यानी मायने यह नहीं रखता कि हार्दिक पंड्या क्या चाहते हैं, मायने यह रखता है कि भारत क्या चाहता है. उनकी प्राथमिकता हमेशा टीम रही है, और यही उनका सबसे बड़ा गुण है.
आंकड़े साफ बोलते हैं- 2024 के बाद से जब-जब हार्दिक टीम का हिस्सा रहे- भारत ने 29 में से 26 टी20 मैच जीते.
बिना हार्दिक- 9 जीत, 2 हार, 2 टाई.... फर्क सिर्फ आंकड़ा नहीं, पूरी टीम का संतुलन है.
भारत के पास अब ज्यादा प्रयोगों का समय नहीं. दक्षिण अफ्रीका से चल रही सीरीज के बाद टीम सीधा टी20 वर्ल्ड कप मोड में होगी... और इस मोड़ पर अगर कोई खिलाड़ी सबसे ज्यादा फर्क डाल सकता है, तो वह है हार्दिक पंड्या.
विश्व मोहन मिश्र