Ravi Shastri on Virat Kohli: रवि शास्त्री का विराट कोहली पर बड़ा बयान, बोले- कप्तानी छोड़ने का फैसला समझदारी भरा

पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री ने एक बार फिर से विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने पर अपना पक्ष सामने रखा है. इस बार शास्त्री के सुर काफी बदले हुए लगे.

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Ravi Shastri and Virat Kohli (Getty) Ravi Shastri and Virat Kohli (Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 2:29 PM IST
  • विराट की जगह रोहित हैं अब तीनों फॉर्मेट के कप्तान
  • शास्त्री बोले- कप्तानी छोड़ना फायदेमंद हो सकता है

भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना ​​है कि विराट कोहली ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट की कप्तानी छोड़कर समझदारी भरा फैसला किया. भारतीय कोच रहने के दौरान कोहली के नेतृत्व कौशल को करीब से जानने और समझने वाले शास्त्री को हालांकि लगता है कि यह 33 वर्षीय बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में कप्तान बना रह सकता था. शास्त्री ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि यह (कप्तानी छोड़ना) अप्रत्यक्ष तौर पर फायदेमंद हो सकता है. कप्तानी का दबाव उनके कंधों से उतर गया है.'

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'विराट का कप्तानी छोड़ना समझदारी भरा फैसला'

उन्होंने कहा, 'कप्तान से जो उम्मीदें की जाती हैं अब वे विराट के कंधो पर नहीं होंगी. अब वह खुद को अच्छी तरह से व्यक्त कर सकते हैं, खुलकर खेल सकते हैं और मुझे लगता है कि वह ऐसा करना भी चाहेंगे.' उन्होंने ESPNCricinfo से कहा, 'मेरा मानना है कि उन्होंने कप्तानी छोड़ने का समझदारी भरा फैसला किया. मुझे अच्छा लगता अगर वह भारत की टेस्ट टीम के कप्तान बने रहते, लेकिन यह निजी राय है.' कोहली ने आईपीएल 2021 के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की कप्तानी छोड़कर सबको चौंका दिया था.

इसके बाद दक्षिण अफ्रीका दौरे में भारत की 1-2 से हार के बाद उन्होंने टेस्ट टीम की कप्तानी भी छोड़ दी थी, इससे पहले उन्होंने पिछले साल विश्व कप के बाद टी20 टीम की कप्तानी से सितंबर में ही त्यागपत्र दे दिया था. जिसके बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI)ने उन्हें वनडे टीम की कप्तानी से हटा दिया था. शास्त्री ने कहा, 'मुझे लगता है कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने प्रदर्शन को लेकर चिंता न करे, क्योंकि उसने विश्व क्रिकेट में खुद को साबित करने के लिए पर्याप्त काम किया है.'

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पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी करने की अपनी चुनौतियां हैं. उन्होंने कहा, 'खेल के तीनों प्रारूपों में एक टीम की कप्तानी करना आसान काम नहीं है, विशेषकर भारत की कप्तानी जहां आपसे बहुत अधिक उम्मीदें लगाई जाती हैं.' शास्त्री ने कहा, 'भारतीय टीम के कप्तान के मुकाबले किसी अन्य टीम के कप्तान को कम दबाव झेलना पड़ता हैं, क्योंकि यहां एक अरब से अधिक लोगों की उम्मीदें आपसे जुड़ी होती हैं. अपेक्षाएं बहुत अधिक होती हैं.'

 

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