वेस्टइंडीज क्रिकेट वित्तीय संकट से गुजर रहा है. हालात ये हैं कि उधार लेकर खिलाड़ियों को सैलरी दी गई थी. ये खुलासा वेस्टइंडीज क्रिकेट के अध्यक्ष रिकी स्केरिट ने किया है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने उन्हें खिलाड़ियों और स्टाफ का वेतन देने के लिए उधार लेने के लिए बाध्य कर दिया, लेकिन उनके कार्यकाल में बोर्ड का कर्जा घटकर एक तिहाई हो गया है.
स्केरिट गुयाना क्रिकेट बोर्ड के सचिव आनंद सानासी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. बोर्ड के वित्तीय हालात के बारे में बात करते हुए स्केरिट ने कहा कि जब से उन्होंने पदभार संभाला, तब से काफी सुधार हुआ है.
उन्होंने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से कहा कि सबसे बड़ी समस्या थी कि हमने राशि मिलने से पहले ही भविष्य के खर्च के बारे में बात कर ली थी. हम उधार ली हुई राशि पर चल रहे थे. इसलिए हम पर करीब दो करोड़ डॉलर का कर्जा था और हम उधार देने के लिए उधार ले रहे थे.
रिकी स्केरिट ने कहा कि हमारे पास फंड के नाम पर कुछ भी नहीं था. कुछ वक्त के लिए तो इस तरह की रणनीति या हालात में काम किया जा सकता है. क्योंकि तब महामारी की वजह से पैसे का इंतजाम मुश्किल था. वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष ने आगे कहा कि बोर्ड के पास स्टाफ को वेतन देने के लिए पैसे नहीं थे. वो भी तब महामारी के दौरान सभी कर्मचारी आधे वेतन पर काम कर रहे थे.
उन्होंने आगे कहा कि हमें अपने खर्चे कम करने पड़े. फायदे-नुकसान के बारे में ज्यादा ध्यान देने की बजाए हमने नकदी पर फोकस किया. सभी गैरजरूरी काम बंद कर दिए. इसका असर भी दिखा और दो साल के भीतर ही हमारा कर्ज एक तिहाई रह गया.
उन्होंने कहा कि हमने आपदा में ही अवसर देखने को कोशिश की और समस्याओं के साथ अपनी जिम्मेदारी पूरी की. हम पहले ऐसा नहीं कर पा रहे थे. वेतन देने के लिए उधार ले रहे थे. मेरे कार्यकाल के पहले साल हमने ऐसा किया, जो पिछले साल गर्मियों तक जारी रहा.
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