भारत ने पाकिस्तान को हराकर एशिया कप T20 का खिताब जीते एक महीना बीत चुका है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि विजेता ट्रॉफी अब तक भारतीय टीम के पास नहीं पहुंची. न कोई ट्रॉफी प्रेजेंटेशन, न कोई समापन. यह जीत अधूरी-सी लगती है. और अब जब बीसीसीआई ने राइजिंग स्टार एशिया कप में भागीदारी की पुष्टि कर दी है, तो कहानी का नया अध्याय शुरू हो गया है. पुरानी प्रतिद्वंद्विता फिर से लौटने वाली है, मगर एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) की कार्यशैली पर सवाल अब भी जस के तस हैं.
एशिया कप दरअसल अपनी सबसे अहम घड़ी 'ट्रॉफी मोमेंट' तक पहुंच ही नहीं पाया..यह एक ऐसा अभियान था जो भारत के लिए स्पष्ट और योग्य जीत के साथ खत्म होना चाहिए था, लेकिन यह बयानों, पलट बयानों और कूटनीतिक उलझनों में फंस गया.
फिर भी, बीसीसीआई ने बिना किसी हिचकिचाहट के एक और टीम को भेजने की तैयारी शुरू कर दी है, एक और टूर्नामेंट में... वह भी पाकिस्तान की मौजूदगी वाले. इस बार यह फैसला महज एक क्रिकेटीय सिलसिला नहीं लगता, बल्कि भारत का संयम, नियंत्रण और आत्मविश्वास जताने का संकेत लगता है.
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हाल ही में सूर्यकुमार यादव की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने एशिया कप में पाकिस्तान से तीन बार मुकाबला किया- ग्रुप स्टेज, सुपर-फोर और फाइनल में. मैदान पर मुकाबला तीखा था, लेकिन क्रिकेट के इर्द-गिर्द राजनीतिक रंग और भावनात्मक गर्माहट ज्यादा दिखाई दी.
सबसे चर्चित क्षण वह था जब एसीसी चेयरमैन और पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने भारत को ट्रॉफी देने से इनकार कर दिया. यह कदम न सिर्फ माहौल बिगाड़ गया, बल्कि सम्मान, पारदर्शिता और मंशा पर भी सवाल उठ गए.
आईसीसी को दखल देना पड़ा. दोनों टीमों के खिलाड़ियों पर जुर्माना लगा, चेतावनी दी गई और डिमेरिट पॉइंट दिए गए. पर इन सजाओं से भी असल मुद्दा नहीं सुलझा. ट्रॉफी अब भी एसीसी के पास है- ना लौटाई गई, ना सौंपी गई.
फिर भी, कहानी आगे बढ़ रही है और एक बार फिर भारत और पाकिस्तान एक ही ग्रुप में हैं.
ACC राइजिंग स्टार एशिया कप को ‘A टीमों’ के विकास टूर्नामेंट के रूप में पेश किया गया है, लेकिन ड्रॉ देखकर लगता है कि दोनों देशों को फिर आमने-सामने लाना एक सोची-समझी रणनीति है. मुकाबला 16 नवंबर को दोहा में तय है और अगर सब कुछ वैसा ही चला, तो फाइनल में भी भिड़ंत हो सकती है. अब सवाल उठता है- अगर भारत फिर जीता, तो क्या इस बार ट्रॉफी वाकई भारत को दी जाएगी?
Report- Amar Sunil Panicker
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