टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ आज (11 जनवरी) अपना 49वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं. पूर्व भारतीय कप्तान द्रविड़ को 'द वॉल' और मिस्टर भरोसेमंद जैसे उपनाम दिए गए थे. द्रविड़ ने कई मौकों पर अपनी धैर्यपूर्ण एवं साहसिक पारियां खेलकर टेस्ट और वनडे मुकाबलों में भारत को कई जीतें दिलाई.
राहुल द्रविड़ गेंद को हवाई रास्ते से स्टैंड्स में फेंकने के बजाय ग्राउंडेड शॉट खेलना पसंद करते थे. वनडे क्रिकेट में भी उनका यही अंदाज रहता था, जिसके चलते लोग उन्हें टेस्ट क्रिकेट के लिए अधिक उपयुक्त बल्लेबाज मानते थे. हालांकि, द्रविड़ वनडे इंटरनेशनल में भी 71.24 की स्ट्राइक रेट से दस हजार से ज्यादा रन बनाने में सफल रहे थे.
वनडे करियर में राहुल द्रविड़ की एक पारी आज भी लोगों के जेहन में है, जब उन्होंने महज 22 गेंदों पर 50 रन जड़ दिए थे. यह पारी उन्होंने साल 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टीवीएस कप में खेली थी. उस टूर्नामेंट में भारत और न्यूजीलैंड के अलावा ऑस्ट्रेलिया ने भी भाग लिया था.
15 नवंबर 2003 को हुए मुकाबले में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 182 रन जोड़कर भारत को शानदार शुरुआत दिलाई. तेंदुलकर ने 91 गेंदों पर 102 रनों की पारी खेली थी, जिसमें 12 चौके और एक छक्का शामिल रहा.
वीरेंद्र सहवाग ने भी 134 गेंदों पर 130 रनों की पारी खेली थी. इस दौरान सहवाग ने 15 चौके एवं दो छक्के उड़ाए थे. 44वें ओवर में 283 के स्कोर पर सहवाग के आउट होने के बाद राहुल द्रविड़ मैदान पर उतरे. उन्होंने स्कॉट स्टायरिस की गेंद पर डीप स्क्वायर लेग की ओर कलात्मक चौके के साथ अपना खाता खोला.
द्रविड़ जिस बेखौफ अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे थे, उससे कीवी टीम के साथ ही भारतीय फैंस भी हैरत में पड़ गए थे. 50 ओवर की आखिरी गेंद पर द्रविड़ ने दो रन रन लेकर 22 गेंदों पर अर्धशतक पूरा कर लिया. साथ ही, भारत को भी 353 रनों के स्कोर तक पहुंचाने में कामयाब रहे. द्रविड़ के 50 रनों की पारी में पांच चौके और तीन छक्के शामिल रहे.
354 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड की टीम 208 रनों पर ढेर हो गई. न्यूजीलैंड के लिए स्कॉट स्टायरिस ने सबसे ज्यादा 54 रनों की पारी खेल. वहीं भारत की ओर से जहीर खान ने सबसे ज्यादा तीन विकेट चटकाए थे. 145 रनों की जीत के साथ भारतीय टीम फाइनल में पहुंच गई थी. फाइनल मुकाबले में भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से हुआ.
हालांकि कोलकाता में हुए फाइनल मुकाबले में भारत पिछले मैच का प्रदर्शन दोहरा नहीं सका और उसे 37 रनों से हार झेलनी पड़ी. लेकिन, उस सीरीज को द्रविड़ की तूफानी पारी के लिए अब भी याद किया जाता है.
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