झूलन गोस्वामी की बायोपिक अपने आप में एक केस स्टडी है कि कैसे कई बार दमदार फिल्में बननी शुरू तो होती हैं मगर दर्शकों के सामने नहीं पहुंच पातीं. और इसकी वजह होती है मेकर्स के आपसी पंगे. झूलन गोस्वामी की बायोपिक करीब 8 साल पहले, पहली बार खबरों में आई थी. मगर आजतक इसे बड़े पर्दे पर देखना एक सपना ही है.