वो 2 सितंबर 2024 की ही रात थी, जब यूपी एसटीएफ की टीम मंगेश यादव के घर पहुंची थी. घरवालों के मुताबिक तब मंगेश घर में सो रहा था. इतना ही नहीं बीते कई दिनों से वो लगातार घर पर ही था. अब यहां सवाल है कि अगर मंगेश यादव सुल्तानपुर के भरत ज्वेलर्स के यहां लूटपाट में शामिल था, और 1 सितंबर को उसके तीन साथियों का एनकाउंटर हो चुका था. 4 सितंबर को उसका सरगना विपिन सिंह खुद सरेंडर कर एनकाउंटर के डर से जेल चला गया था, तो फिर क्या मंगेश यादव अपने घर में बैठ कर एसटीएफ के आने का इंतज़ार कर रहा था?