चिराग पासवान का कहना है कि जब सदन में महत्वपूर्ण विषयों पर बहस होती है तब कई कांग्रेस नेता अवकाश पर रहते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को पूरी गंभीरता से नहीं निभाते. सवाल उठाया गया है कि वे सवाल तो तुरंत उठाते हैं लेकिन सदन में चर्चा के दौरान उपस्थित नहीं रहते. इसके अलावा उनके लिए विदेश यात्राएं सत्र की तुलना में अधिक महत्व रखती हैं, जो उनकी पद की गंभीरता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है.